बिश्नोई समाचार उज्जैन पहलवानों को शुरुआत से सही ट्रेनिंग नहीं मिलती। अन्य देश खेल और खिलाड़ियों पर जोर दे रहे हैं। उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। आधुनिक संसाधन भी मुहैया कराए जा रहे हैं। हर तरह से उनका मनोबल ऊंचा उठाया जाता है। इसी राह पर देश भी चले तो हर दंगल हमारे ही पहलवान जीतेंगे।
अंतरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी अर्पणा विश्नोई ने हिन्दी अखबार के पत्रकारो से चर्चा में यह बात साझा की। वे मंगलवार शाम को कार्तिक मेला कुश्ती एरिना के खिताबी मुकाबले में पहलवानों की हौसला अफजाई के लिए आईं थीं। उनका कहना है कि देश के अखाड़ों में कई ऐसे पहलवान हैं जो अन्य देशों के अच्छे से अच्छे पहलवानों को चित कर सकते हैं।
फुटबॉल का भी शौक : अर्पणा कुश्ती के साथ फुटबॉल भी खेलती हैं। उनका कहना है खेल कोई भी हो, उसमें पूरी तरह रमा जाए तो कोई पदक दूर नहीं है।
एशियाड 2018 में भी जीतेंगे पदक : वर्तमान में वे एशियाड 2018 की तैयारी में लगी हैं। पूरी उम्मीद है कि एशियाड से भी पदक जीतने में कामयाब होंगी।
इसलिए चर्चा में आई
अपर्णा खंडवा के हरसूद के पास सोनखेड़ी की रहने वाली हैं। वे रमाशंकर पटेल की बेटी और इंटरनेशनल रेसलिंग कोच कृपाशंकर विश्नोई की भतीजी हैं। इंटरनेशनल लेवल पर सम्मानित हो चुकी अपर्णा भारतीय कुश्ती टीम की ओर से 4 से 6 नवंबर को सिंगापुर में आयोजित सीनियर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप का हिस्सा रहीं। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती में सिल्वर मेडल जीता है। यह पहला मौका था जब मप्र से किसी महिला पहलवान को कामनवेल्थ चैंपियनशिप के लिए भारतीय कुश्ती टीम में चुना था।
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