मध्यप्रदेश बिश्नोई समाचार संजय थापन छिंदवाड़ा राष्ट्रपति के आगमन को लेकर जिले की सीमाओं पर जारी वाहन चैकिंग के दौरान सोमवार की रात दो शिकारी दो काले हिरण के साथ चौरई पुलिस के हत्थे चढ़ गए। जिन्हें तत्काल ही पुलिस ने गिरफ्तार किया और उन्हें मंगलवार को न्यायालय में पेश करते हुए दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया। दोनों आरोपियों से की गई पूछताछ ने वनाधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर उस समय सवालिया निशान लगा दिए जब आरोपियों ने इससे पहले भी कई बार वन्य प्राणियों का शिकार मांस खाने के उद्देश्य के चलते करना स्वीकारा। हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
चौरई डीएसपी श्रृद्घा सोनकर ने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन को लेकर आला अधिकारियों के निर्देश पर जिले की सीमा वाले क्षेत्र सिवनी बायपास में सोमवार की रात करीब 9.30 बजे वाहन चैकिंग की जा रही थी। गंभीरता से की जा रही वाहन चैकिंग के दौरान एक जिप्सी को रोका गया और उसकी तलाशी ली गई तो तलाशी के दौरान दो काले हिरण वाहन में रखे हुए मिले। जिसके चलते तत्काल ही पुलिस की टीम ने चौरई थाना प्रभारी एसपी सिंह बघेल के नेतृत्व में छिंदवाड़ा के गुलाबरा निवासी नितिन पिता कामेश्वर सिंह राजपूत उम्र 41 साल एवं चर्च कंपाउंड निवासी ब्रजेश पिता सलील साहू उम्र 51 साल को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के कब्जे से इस दौरान पुुलिस ने बंदूक भी जब्त की। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ वन्य प्र्राणी संरक्षण एवं 25, 27 आर्म्स एक्ट का अपराध कामय किया। दोनों आरोपियों को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से पुलिस ने दोनों को पूछताछ के लिए 14 एवं 15 दिसंबर के लिए रिमांड पर लिया।
जंगल में नहीं होती थी गश्त-
चौरई सहित आस पास के क्षेत्र में काले हिरण बहुतायत में पाए जाते है। इसके अलावा पेंच पार्क से भी चौरई परिक्षेत्र लगा हुआ है। लेकिन इसके बाद भी परिक्षेत्र के वनाधिकारी वन्य प्राणियों की सुरक्षा में लापरवाही बरतते चले आ रहे है। क्षेत्र में गश्त के नाम पर वनाधिकारी एवं कर्मचारियों को मिला वाहन पिछले कुछ सालों से खराब पड़ा है। जिसकी मरम्मत करवाने की अधिकारियों ने जहमत तक नहीं उठाई। इसके साथ ही ग्रामीणों की माने तो वनाधिकारी एवं कर्मचारी गश्त पर कभी भी जंगल में दिखाई नही दिए। जो कई सवालों को जन्मे दे रहा है।
मांस खाने के लिए करते थे शिकार-
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपियों ने कहां कि इससे पहले भी चार से पांच बार चौरई परिक्षेत्र में आकर वन्य प्राणियों का शिकार वे कर चुके हैं। जिसमें मुख्य रूप से उन्होंने हिरण को ही मारा है। सोमवार को भी उन्होंने बंदूक से गोलियां चलाई और काले हिरण का शिकार कर लिया। दोनों हिरणों को भी सिर्फ मांस खाने के लिए मारा गया था।
ग्रामीणों की मिली भगत से होता है शिकार
इस मामले में पुलिस की मानें तो शिकारियों द्वारा ग्रामीणों के साथ मिलकर वन्य प्राणियों का शिकार किया जाता है। जिसका प्रमाण है कि कपुर्दा से समसवाड़ा के बीच खेत में बैठकर 4 साल एवं डेढ़ साल के नर काले हिरण का शिकार किया गया। हालांकि इस बात की जानकारी कुछ ग्रामीणों को भी थी, लेकिन उन्होंने न तो पुलिस को और न ही वन विभाग को इसकी सूचना देने का प्रयास किया।
दो बिल्ड़र और जुआ सट्टा संचालक की भूमिका संदिग्ध-
सोमवार की रात जब पुलिस ने दो शिकारियों को पकड़ा तो एक संदिग्ध गोलू नामक युवक फरार हो गया। लेकिन इस दौरान दूसरे वाहन में कुछ ओर लोगों की होने की बात भी सामने आ रही है। जिसमें शहर के दो बिल्ड़र एवं एक जुआ सट्टा संचालक के इस दौरान होने की बात सामने आ रही है। हालांकि इन मामलों की जांच पुलिस कर रही है।
इनका कहना है।
वाहन चैकिंग में दो शिकार पकड़ाए हैं, जो पहले से अपराधिक प्रवृत्ति के हैं। जिन्हें न्यायालय से पूछताछ के लिए दो दिन की रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ के बाद ही अन्य बातें सामने आएंगी।
श्रद्धा सोनकर, डीएसपी चौरई
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