हवन पाहल एंव विशाल यज्ञ का हुआ आयोजन, सांचौर विधायक सुखराम विश्नोई रहे मौजुद, जिलेंभर से विश्नोई समाज के लोगों ने लिया भाग।
राजस्थान बिश्नोई समाचार जालोर श्याम खिलेरी भीनमाल पूनासा गांव स्थित हरिओम द राइजिंग एकेडमी खेल मैदान में चल रही सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा के एवं ज्ञान यज्ञ का समापन गुरूवार को विशाल यज्ञ के साथ भगवान जभेश्वर के जयकारों के साथ हुआ। गुरूवार सुबह आचार्य डॉ. गोर्वधनराम के सानिध्य में जभ वाणी के 120 शब्दों का पाठ कर हवन यज्ञ एंव पाहल का आयोजन किया गया बिश्नोई समाज के पुरुषों महिलाओं बच्चों बड़े बुजुर्गों ने घी व नारियल से आहुतियां दि घी व नारियल कि आहुती देकर वातावर्ण को शुद्ध किया। बिश्नोई समाज पुनासा ने समाज सुधार के लिए बड़े निर्णय कथावाचक आचार्य डॉ. गोर्वधनराम महाराज द्वारा बताई गई बातों को ध्यान में रखते हुए समाज के सभी लोगों ने निर्णय लिया कि आने वाले समय में विवाह वह हवन दिन के समय ही संपूर्ण रस्में की जाएगी नशा मुक्ति के लिए समाज के लोग पहले ही निर्णय ले चुके हैं किसी भी सामाजिक बेठक चलू पाहल शादी विवाह में नशे पर पूर्ण रुप से प्रतिबंध है अन्य सामाजिक बुराइयों अंधविश्वास मृत्यु भोज बालविवाह जैसी कुरीतियों को मिटाने के लिए सभी समाज के लोगों ने निर्णय लेने की बात कही। इस मौके पर कथा वाचिका डॉ. मधु विश्नोई ने कथा प्रवचन देते हुए कहा संगति के परिणाम स्वरूप रंग आता है और यह रंग दो प्रकार के वेदमय भगवान श्री जाभोजी की वाणी में कहें गये है एक है दुनिया और दूसरा है धमज़ का रंग उक्त विचार प्रकट किये मधु विश्रोई ने कहा कि दुनिया के रंग में चराचर जगत रंगा हुआ है। आदर्श के योग उन्हीं का जीवन है जिसका जीवन धर्म के रंग में रंग चुका हैं। यह एक ऐसा रंग है जो युक्ति के साथ मुक्ति को प्रधान करने वाला है। भगवान श्री कृष्ण गीता में स्पष्ट उद्घोष कर रहे है कि जहां धर्म है, वहां मैं हूॅं और जहां मैं हूॅं वहां विजय है। अब निर्णय आपको करना है हार के पक्ष में रहना अथवा विजय के पक्ष में, यह निर्णय आपको करना है। उन्होंने धर्म की परिभाषा करते हुए कहा कि धर्म अर्थात् वो नियम जिनकी पालना करने से इस लोक व परलोक दोनों में जीवन का भला हो। नियमों की पालना का नाम ही धर्म की पालना हैं। जाभोजी ने जीवन जीने की युक्ति प्रदान की। उनके द्वारा आचार संहिता में तीन प्रकार की बातें कही गयी हैं। मानव जीवन के दोनों पक्ष चाहे व्यवहार पक्ष हो अथवा अध्यात्म पक्ष दोनों में जीवन का भला हो ऐसा, हमारा जीवन हो उसी के लिए 29 नियमों की आचार संहिता जीवन जीने की आधार बनाई गयी है। समग्र जीवन का हित हो, प्राणी मात्र कल्याण हो, आदर्श जीवन जीने की कला सिखायी गई है। मानव जीवन में आने वाले त्रितापों की निवृति व परमानन्द की प्राप्ति का एकमात्र साधन है और वह धर्म 29 नियमों की स यक्ता परिपालना के द्वारा दैहिक, देविक, भौतिक पापों की निवृति संभव है। अत: मानव मात्र को धमज़् की राह का राही बनना चाहिए। क्योंकि एक आप ही दुनिया के लिए आदर्श बनने वाले है, आप से प्ररेणा लेगें। आप पथ प्रदर्शक बनेगें। ये चमत्कार है धर्म तत्व का, सदाचार का, एक आदर्श जीवन जीने का यही सही सटीक तरीका है। इस अवसर पर पुनासा सरपंच प्रकाश बोला, रावलाराम विश्नोई, वागाराम विश्नोई , हरिराम विश्नोई, जोधाराम विश्नोई, पूर्व सरपंच ठाकराराम जाणी, रामलाल जांगू, जयकरण ािलेरी, मांगीलाल जागू, बलदेव मांजू, विकाश विश्नोई, संदिप विश्नोई, कालुराम विश्नोई, राजुराम जेलर, अशोक विश्नोई, जगदिश विश्नोई, ओमप्रकाश विश्नोई, सुनिल विश्नोई, श्रवण ढाका, आािल भारतीय विश्नोई युवा संगठन के जिला अध्यक्ष श्याम खिलेरी, हरिओम द राइजिंग एकेडमी स्टाप सहित जिलेंभर से बड़ी संया में विश्नोई समाज के लोगों ने भाग लिया ।
बच्चो को दे अच्छे संस्कार : विधायक
सांचौर विधायक सुखराम विश्नोई ने मृत्युभोज एवं बाल विवाह सबसे बड़ा पाप बताते हुए कहा विवाह संस्कार ध्यान पूर्वक करना चाहिए यही दापत्य जीवन के आधार का निर्माण करती है। विश्नोई कहा कि प्रत्येक बिश्नोई को घर में सुबह हमेशा हवन करना चाहिए बुरी बातों को छोड़ देना चाहिए इससे हर प्रकार से सफलता मिलेगी बच्चों को घर में अच्छे संस्कार देने चाहिए अपना बेटा संस्कार प्राप्त करके संस्कारवान बनेगा तो हम भी बुढ़ापे में सुख पाएंगे जिस प्रकार गुरु महाराज जांभोजी ने अपने मन पर जोर दिया उसी प्रकार हमें भी अपने मन पर जोर देना चाहिए मन को साफ रखना चाहिए तथा समाज में संगठित होकर चलने की बात कही।
जागरण का हुआ आयोजन
हरिओम द राइजिंग एकेडमी खेल मैदान में चल रही सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा के एवं ज्ञान यज्ञ का समापन के पूर्व संध्या को विशाल रात्री जागरण का आयोजन ह हुआ विशनोई समाज के संत स्वामी सदानंद महाराज एण्ड पार्टी द्वारा साखी आरती एंव भजनों की प्रस्तुतियां दी, इस मौके पर ाजन गायक सोमराज, ब्रजेश, हनुमान ने गुरू जभेश्वर के भजनों की प्रस्तुतियां एक से बढकर एक दी ।
राजस्थान बिश्नोई समाचार जालोर श्याम खिलेरी भीनमाल पूनासा गांव स्थित हरिओम द राइजिंग एकेडमी खेल मैदान में चल रही सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा के एवं ज्ञान यज्ञ का समापन गुरूवार को विशाल यज्ञ के साथ भगवान जभेश्वर के जयकारों के साथ हुआ। गुरूवार सुबह आचार्य डॉ. गोर्वधनराम के सानिध्य में जभ वाणी के 120 शब्दों का पाठ कर हवन यज्ञ एंव पाहल का आयोजन किया गया बिश्नोई समाज के पुरुषों महिलाओं बच्चों बड़े बुजुर्गों ने घी व नारियल से आहुतियां दि घी व नारियल कि आहुती देकर वातावर्ण को शुद्ध किया। बिश्नोई समाज पुनासा ने समाज सुधार के लिए बड़े निर्णय कथावाचक आचार्य डॉ. गोर्वधनराम महाराज द्वारा बताई गई बातों को ध्यान में रखते हुए समाज के सभी लोगों ने निर्णय लिया कि आने वाले समय में विवाह वह हवन दिन के समय ही संपूर्ण रस्में की जाएगी नशा मुक्ति के लिए समाज के लोग पहले ही निर्णय ले चुके हैं किसी भी सामाजिक बेठक चलू पाहल शादी विवाह में नशे पर पूर्ण रुप से प्रतिबंध है अन्य सामाजिक बुराइयों अंधविश्वास मृत्यु भोज बालविवाह जैसी कुरीतियों को मिटाने के लिए सभी समाज के लोगों ने निर्णय लेने की बात कही। इस मौके पर कथा वाचिका डॉ. मधु विश्नोई ने कथा प्रवचन देते हुए कहा संगति के परिणाम स्वरूप रंग आता है और यह रंग दो प्रकार के वेदमय भगवान श्री जाभोजी की वाणी में कहें गये है एक है दुनिया और दूसरा है धमज़ का रंग उक्त विचार प्रकट किये मधु विश्रोई ने कहा कि दुनिया के रंग में चराचर जगत रंगा हुआ है। आदर्श के योग उन्हीं का जीवन है जिसका जीवन धर्म के रंग में रंग चुका हैं। यह एक ऐसा रंग है जो युक्ति के साथ मुक्ति को प्रधान करने वाला है। भगवान श्री कृष्ण गीता में स्पष्ट उद्घोष कर रहे है कि जहां धर्म है, वहां मैं हूॅं और जहां मैं हूॅं वहां विजय है। अब निर्णय आपको करना है हार के पक्ष में रहना अथवा विजय के पक्ष में, यह निर्णय आपको करना है। उन्होंने धर्म की परिभाषा करते हुए कहा कि धर्म अर्थात् वो नियम जिनकी पालना करने से इस लोक व परलोक दोनों में जीवन का भला हो। नियमों की पालना का नाम ही धर्म की पालना हैं। जाभोजी ने जीवन जीने की युक्ति प्रदान की। उनके द्वारा आचार संहिता में तीन प्रकार की बातें कही गयी हैं। मानव जीवन के दोनों पक्ष चाहे व्यवहार पक्ष हो अथवा अध्यात्म पक्ष दोनों में जीवन का भला हो ऐसा, हमारा जीवन हो उसी के लिए 29 नियमों की आचार संहिता जीवन जीने की आधार बनाई गयी है। समग्र जीवन का हित हो, प्राणी मात्र कल्याण हो, आदर्श जीवन जीने की कला सिखायी गई है। मानव जीवन में आने वाले त्रितापों की निवृति व परमानन्द की प्राप्ति का एकमात्र साधन है और वह धर्म 29 नियमों की स यक्ता परिपालना के द्वारा दैहिक, देविक, भौतिक पापों की निवृति संभव है। अत: मानव मात्र को धमज़् की राह का राही बनना चाहिए। क्योंकि एक आप ही दुनिया के लिए आदर्श बनने वाले है, आप से प्ररेणा लेगें। आप पथ प्रदर्शक बनेगें। ये चमत्कार है धर्म तत्व का, सदाचार का, एक आदर्श जीवन जीने का यही सही सटीक तरीका है। इस अवसर पर पुनासा सरपंच प्रकाश बोला, रावलाराम विश्नोई, वागाराम विश्नोई , हरिराम विश्नोई, जोधाराम विश्नोई, पूर्व सरपंच ठाकराराम जाणी, रामलाल जांगू, जयकरण ािलेरी, मांगीलाल जागू, बलदेव मांजू, विकाश विश्नोई, संदिप विश्नोई, कालुराम विश्नोई, राजुराम जेलर, अशोक विश्नोई, जगदिश विश्नोई, ओमप्रकाश विश्नोई, सुनिल विश्नोई, श्रवण ढाका, आािल भारतीय विश्नोई युवा संगठन के जिला अध्यक्ष श्याम खिलेरी, हरिओम द राइजिंग एकेडमी स्टाप सहित जिलेंभर से बड़ी संया में विश्नोई समाज के लोगों ने भाग लिया ।
बच्चो को दे अच्छे संस्कार : विधायक
सांचौर विधायक सुखराम विश्नोई ने मृत्युभोज एवं बाल विवाह सबसे बड़ा पाप बताते हुए कहा विवाह संस्कार ध्यान पूर्वक करना चाहिए यही दापत्य जीवन के आधार का निर्माण करती है। विश्नोई कहा कि प्रत्येक बिश्नोई को घर में सुबह हमेशा हवन करना चाहिए बुरी बातों को छोड़ देना चाहिए इससे हर प्रकार से सफलता मिलेगी बच्चों को घर में अच्छे संस्कार देने चाहिए अपना बेटा संस्कार प्राप्त करके संस्कारवान बनेगा तो हम भी बुढ़ापे में सुख पाएंगे जिस प्रकार गुरु महाराज जांभोजी ने अपने मन पर जोर दिया उसी प्रकार हमें भी अपने मन पर जोर देना चाहिए मन को साफ रखना चाहिए तथा समाज में संगठित होकर चलने की बात कही।
जागरण का हुआ आयोजन
हरिओम द राइजिंग एकेडमी खेल मैदान में चल रही सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा के एवं ज्ञान यज्ञ का समापन के पूर्व संध्या को विशाल रात्री जागरण का आयोजन ह हुआ विशनोई समाज के संत स्वामी सदानंद महाराज एण्ड पार्टी द्वारा साखी आरती एंव भजनों की प्रस्तुतियां दी, इस मौके पर ाजन गायक सोमराज, ब्रजेश, हनुमान ने गुरू जभेश्वर के भजनों की प्रस्तुतियां एक से बढकर एक दी ।
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