हरियाणा बिश्नोई समाचार भारतीय इंडोर हॉकी टीम की गोल्ड मेडलिस्ट सुमन विश्नोई के पिता सुभाष विश्नोई ने बैंक से कर्जा लेकर अपनी बेटी के सपनों को साकार करने में उसका सहयोग दिया था। बेटी ने भी गोल्ड मेडल जीतकर पिता के सपनों को साकार कर दिया। हालांकि सरकार की उदासीनता उनकी खुशी को कम कर दिया है। वीरवार को गांव नाढ़ोडी में किसान सुभाष विश्नोई के घर मीडियाकर्मियों का तांता लगा रहा। सुमन विश्नोई के पिता सुभाष प्रदेश सरकार की खेल नीति के अनुसार बेटी को डीएसपी की कुर्सी पर भी देखना चाहते हैं। सुमन की मां इंद्रावती विश्नोई और तीन बहनें प्रमिला, पूनम और प्रेरणा भी अपनी लाड़ली को सरकारी नौकरी में देखना चाहती हैं। भाई संदीप कुमार और प्रदीप भांभू ने कहा कि हमारी बहन सुमन ने देश की टीम की कमान संभालकर विदेशों में भारत का तिरंगा लहराया है। विदेशी धुरंधर टीमों को धूल चटा इंडिया की इंडोर हॉकी टीम प्रतियोगिता में गोल्ड जीतकर देश का नाम विदेशों में भी सुनहरे अक्षरों में अंकित किया है।
सुमन की हॉकी में थी रुचि, उसकी लगन से साई सेंटर में हुआ चयन
सुमन विश्नोई के पिता सुभाष ने बताया कि उसके पास कृषि योग्य 5 एकड़ भूमि है, जिससे उसे चार बेटियों और दो बेटों से भरापूरा परिवार का पालन-पोषण करना पड़ता है। सुमन की हॉकी में रुचि थी। उसकी लगन से साई सेंटर में उसका चयन हो गया था, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने से वो बेटी की मदद नहीं कर पा रहा था। जब सुमन लगातार बेहतर खेलती गई तो उसने अपनी जमीन को बैंक के पास गिरवी रखकर सुमन के लिए साढ़े सात लाख का कर्ज लिया और बेटी की तैयारियों में इन पैसों को लगा दिया। सुभाष कहते भी हैं कि उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी ने उनके सपने को साकार कर दिया।
सुमन विश्नोई के पिता सुभाष ने बताया कि उसके पास कृषि योग्य 5 एकड़ भूमि है, जिससे उसे चार बेटियों और दो बेटों से भरापूरा परिवार का पालन-पोषण करना पड़ता है। सुमन की हॉकी में रुचि थी। उसकी लगन से साई सेंटर में उसका चयन हो गया था, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने से वो बेटी की मदद नहीं कर पा रहा था। जब सुमन लगातार बेहतर खेलती गई तो उसने अपनी जमीन को बैंक के पास गिरवी रखकर सुमन के लिए साढ़े सात लाख का कर्ज लिया और बेटी की तैयारियों में इन पैसों को लगा दिया। सुभाष कहते भी हैं कि उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी ने उनके सपने को साकार कर दिया।
सरकार नहीं, समाजसेवी संस्थाएं आईं आगे
अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सुमन विश्नोई को सरकार ने भले ही एक फूल तक सम्मान के रूप में भेंट नहीं किया, लेकिन भूना की कई सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं तथा समाजसेवियों ने सुमन को सम्मानित करने की घोषणा की है। भारत विकास परिषद के प्रधान डॉक्टर एमएल बतरा, नगरपालिका भूना के चेयरमैन प्रतिनिधि मेवा सिंह वाल्मीकि, स्वर्णकार सभा की तरफ से बलजीत सोनी, यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की हरियाणा इकाई अध्यक्ष डॉक्टर जितेंद्र तूर आदि कई गणमान्य व्यक्तियों ने सुमन को सम्मानित करने का फैसला लिया।
अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सुमन विश्नोई को सरकार ने भले ही एक फूल तक सम्मान के रूप में भेंट नहीं किया, लेकिन भूना की कई सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं तथा समाजसेवियों ने सुमन को सम्मानित करने की घोषणा की है। भारत विकास परिषद के प्रधान डॉक्टर एमएल बतरा, नगरपालिका भूना के चेयरमैन प्रतिनिधि मेवा सिंह वाल्मीकि, स्वर्णकार सभा की तरफ से बलजीत सोनी, यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की हरियाणा इकाई अध्यक्ष डॉक्टर जितेंद्र तूर आदि कई गणमान्य व्यक्तियों ने सुमन को सम्मानित करने का फैसला लिया।
एक भी मैच में नहीं हारी इंडिया
इंडोर हॉकी एसोसिएशन आफ इंडिया की कप्तान सुमन विश्नोई ने विशेष बातचीत में बताया कि भारत की टीम एक भी मैच किसी भी विदेशी टीम से नहीं हारी। दो दिवसीय 8 और 9 अक्तूबर को सेमिनयाक बाली इंडोनेशिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय इंडोर हॉकी प्रतियोगिता हुई थी। इसमें 18 दशों की टीमों ने भाग लिया। भारत जिस पूल में थी, उसमें पांच टीमें थीं। भारत के ग्रुप में मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका, एयर 6 स्पोर्ट, एचपीसी एफ इत्यादि टीमों को पराजित करके क्वाटर फाइनल में टीम पहुंची। जहां इंडोनेशिया को पछाड़कर भारत की टीम फाइनल में पहुंची। फाइनल मुकाबले में हांगकांग को 3-2 से हराकर ट्राफी और गोल्ड मेडल जीत लिया।
इंडोर हॉकी एसोसिएशन आफ इंडिया की कप्तान सुमन विश्नोई ने विशेष बातचीत में बताया कि भारत की टीम एक भी मैच किसी भी विदेशी टीम से नहीं हारी। दो दिवसीय 8 और 9 अक्तूबर को सेमिनयाक बाली इंडोनेशिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय इंडोर हॉकी प्रतियोगिता हुई थी। इसमें 18 दशों की टीमों ने भाग लिया। भारत जिस पूल में थी, उसमें पांच टीमें थीं। भारत के ग्रुप में मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका, एयर 6 स्पोर्ट, एचपीसी एफ इत्यादि टीमों को पराजित करके क्वाटर फाइनल में टीम पहुंची। जहां इंडोनेशिया को पछाड़कर भारत की टीम फाइनल में पहुंची। फाइनल मुकाबले में हांगकांग को 3-2 से हराकर ट्राफी और गोल्ड मेडल जीत लिया।
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