हिरण के साथ धरने पर बैठे सैकड़ों वन्य जीवप्रेमी

 राजस्थान बिश्नोई समाचार ओमप्रकाश बिश्नोई जालौर में रविवार को सांचौर के एक गांव में एक हिरण शिकारियों के जाल में फंस गया। शिकारी उसे पकड़ने ही वाला था कि वहां एक किसान आ गया। किसान के हल्ला मचाने पर शिकारी भाग खड़ा हुआ। आए दिन होने वाली एेसी घटनाओं के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण धरने पर बैठ गए। प्रशासन के आश्वासन के बाद साढ़े छह घंटे बाद किसान धरने से उठे। एक माह में यह दूसरी ऐसी घटना है। उल्लेखनीय है कि विश्नोई समाज का हिरणों से काफी लगाव है।
जानिए पूरी घटना के बारे में .....
 
 सांचौर उपखंड के जानवी गांव के खेतों में शिकारियों ने हिरण के शिकार के लिए एक लोहे के तारों से बना बाड़ा (जाल) बिछा रखा था।
 
- शिकारी घात लगाए हुआ था। जाल में एक हिरण फंस गया।
 
- हिरण कोे जाल में फंसा देखकर शिकारी उसे पकड़ने आ गया।
 
- इत्तफाक से एक किसान बाबूलाल विश्नोई भी वहां अा गया।
 
- किसान ने शिकारी को पहचान लिया। उसके हल्ला मचाने पर शिकारी वहां से भाग गया।
 
- इतने में वहां और भी किसान पहुंच गए। धीरे-धीरे वहां और किसान जुट गए।
 
- किसान धरने पर बैठ गए और शिकारियों को पकड़ने की मांग पर सुबह नौ बजे धरने पर बैठ गए।
 
- किसानों ने हिरण के प्रति लगाव बताते हुए अपने गले में तार बांध लिए। यह बताने को कि कैसे जानवर को तकलीफ पहुंचती होगी।   
 
- इस पर सरवाना पुलिस व प्रशासन के अधिकारी वहां पहुंचे।
 
- किसानों ने पुलिस को बताया कि कानाराम पुत्र धर्माराम हिरण का शिकार कर रहा था।
 
 
पुलिस की बात पर भड़के ग्रामीण


- पुलिस ने किसानों से कहा कि यह मामला वन विभाग का है। आप वन विभाग में शिकायत दर्ज कराएं।
 
- इस पर किसान नाराज हो गए और हिरण को साथ में लेकर प्रदर्शन करने लगे।
 
- ग्रामीणों ने कहा कि वन विभाग और पुलिस एक दूसरे पर मामले को डाल रहे हैं।
 
- प्रशासन ने किसानों को धीघ्र ही आरोपी को पकड़ने का भरोसा दिलाया।
 
- इस पर किसान दोपहर 3.30 बजे धरने से उठे और हिरण को आम्रपाली वन उद्यानिकी में छोड़ कर आए।
   

एक माह में यह ऐसी दूसरी घटना
 
 
- जालौर में ही छह अगस्त को शिकारियों ने एक हिरण का शिकार कर लिया था।
 
- शिकारी ने कुल्हाड़ी का वार कर हिरण की जान ले ली।
 
- हिरण के तड़पने की आवाज पर पास के खेत में मौजूद किसान वहां आया।
 
- उसे देख कर शिकारी भाग गए। तब वहां तेज बरसात हो रही थी।
 
- रातभर वाट्सएप और फोन से आस-पास के गांवों में सूचित किया गया और सुबह तक विश्नोई समाज के करीब डेढ़ हजार लोग वहां जमा हो गए।
 
- तब प्रशासन के शिकारियों को जल्दी अरेस्ट करने के आश्वासन पर विश्नोई समाज के लोग माने थे।

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