
मंदिर प्रांगण में आयोजित धर्मसभा में महंत रामानंद सोनड़ी ने कहा कि जांभोजी ने 550 वर्ष पूर्व मार्ग से भटके लोगों को सही राह दिखा कर 29 नियमों की आचार संहिता को आधार बनाया तथा विश्नोई पंथ की स्थापना की। कार्यक्रम में संसदीय सचिव लादूराम विश्नोई ने कहा कि समाज की कई प्रतिभाएं उच्च स्तर पर प्रदर्शन कर रही हैं। समाज के विकास में शिक्षा की अहम भूमिका है। समाजसेवी बबलू तेतरवाल ने कहा कि विश्नोई समाज अग्रणी है। भाजपा जिलाध्यक्ष जयकिशन भादू ने कहा कि उन्होंने जांभोजी को नीले वस्त्र का त्याग किया। उन्होंने सरकारी स्कूलों की पोशाक से नीली कमीज हटाने की मांग की। सहायक अभियंता सुजानाराम गोदारा ने कहा कि समाज में एकराय होकर कार्य करें। कार्यक्रम में ब्लाक चिकित्सा अधिकारी डा.विष्णुराम विश्नोई, सरपंच विमला विश्नोई, जगमालाराम, तुलसाराम, भजनलाल ठेकेदार, पूर्व जिला परिषद सदस्य नारणाराम गोदारा नेड़ीनाडी सरपंच जगदीश ढाका, सुरेश ढाका सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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