कुलदीप बोले- सलमान मामले में हम जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

राजस्थान बिश्नोई समाचार जोधपुर अखिल भारतीय विश्नोई महासभा व विश्नोई समाज के अन्य सगठनों की ओर से शुक्रवार को सलमान खान शिकार मामले व वन्यजीव संरक्षण को लेकर रावण का चबूतरा मैदान में सद्बुद्धि यज्ञ व सर्वधर्म सभा का आयोजन किया। इसके बाद कलेक्ट्रेट तक मौन जुलूस निकाला गया। वहां एडीएम को राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। सभा में देश भर से विश्नोई समाज के हजारों लोग, संत-महात्मा और जनप्रतिनिधि पहुंचे।  सभी ने सलमान खान शिकार प्रकरण में राजस्थान सरकार से सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की मांग की। अपील नहीं करने की दशा में विश्नोई समाज खुद सुप्रीम कोर्ट जाएगा।    
धर्मसभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप विश्नोई ने कहा कि यह न्याय की लड़ाई है। हर हाल में सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे। भले ही किसी तरह की लड़ाई लड़नी पड़े। गुरु जंभेश्वर ने हमें वन और वन्यजीवों को बचाना सिखाया था। आज पूरे देश में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। इसलिए हमारी जिम्मेदारी ज्ञापन देने तक नहीं हैं, संघर्ष करना पड़ेगा। कोई प्रधानमंत्री के साथ पतंग उड़ाकर आसानी से बच जाता है, इसलिए अब जागना जरूरी है, ताकि धनबल के बूते कोई बच नहीं पाए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में आने वाला खर्चा वहन करने की भी घोषणा की।    
सलमान के बरी होने से समाज आहत     
 
अध्यक्ष हीराराम भंवाल ने कहा कि सलमान के बरी हो जाने से समाज आहत है। फैसले के बाद शिकार में अचानक बढ़ोतरी हुई है। फलौदी विधायक पब्बाराम विश्नोई ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में एक कमेटी गठित की है, लेकिन हमें ध्यान रखना होगा कि मामला ठंडे बस्ते में न चला जाए। उन्होंने कहा कि हर झोंपड़े में बैठा शख्स सोच रहा है, सलमान सलाखों के पीछे हो। इतना हाई प्रोफाइल अगर अपने धन बल से बच निकलता है तो दुनिया में गलत संदेश जाता है।    
हमारी मुस्तैदी से ही रुकेगा हिरणों का शिकार   
 

केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड के चेयरमैन जसवंतसिंह विश्नोई ने कहा कि अब शिकार व्यवसायिक स्तर पर होने लगा है। इसलिए वाइल्ड लाइफ एक्ट में संशोधन हो और उम्र कैद की सजा होनी चाहिए। विजयलक्ष्मी विश्नोई ने कहा कि अब गैंग हिरणों का शिकार हो रहा है। इन्हें हमारी मुस्तैदी ही रोक सकती है। जिलाध्यक्ष नारायण डाबड़ी ने कहा कि शिकार प्रकरणों में शिथिलता आ रही है। महासभा की ओर से कानून में संशोधन के लिए दो प्रतिवेदन तैयार किए गए हैं। राष्ट्रीय सचिव देवेंद्र बूड़िया ने कहा पर्यावरण संरक्षण के लिए खेजड़ली में 363 लोग मर मिटे थे, अब फिर से ऐसे आंदोलन की जरूरत है।    

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