जन्माष्टमी पर मुम्बई मलाड में बिश्नोई समाज का उमड़ा जन सैलाब

महाराष्ट्र बिश्नोई समाचार हरीश बिश्नोई मुम्बई मलाड श्री गुरु जम्भेस्वर भगवान के 566 वे जन्म दिवस के उपलक्ष पर मलाड में बिश्नोई समाज के जाने माने अंतर्राष्ट्रीय कलाकार संत राजूराम जी महाराज ने जागरण का आगाज किया। संत राजूराम जी महाराज ने गुरु महाराज की पाँच आरती और साखी से जागरण की रूप रेखा बनाइ।राजूराम जी ने भगवान जाम्भोजी के कई भजन कीर्तन वह चेतावनी भजन सुनाकर भक्तो का भाव विभोर किया । आचार्य  सुदेवानंन्द  जी महाराज ने भगवान् जाम्भोजी की महिमा सुनाई। आचार्य जी कहा की गुरु महाराज ने जिया ने जुक्ति और मुआ ने मुक्ति के लिए हमें एक सूत्र केवल विंष्णु विष्णु का मंत्र  दिया था । उन्होंने कहा कि आज बिश्नोई समाज " जिव दया पालनी रुख लिलो नहीं घावे"का नियम बड़ी बखूबी से निभा रहा है ,आचार्य जी ने बिश्नोई सामाज के जीवों और पड़ो के लिए हुए शहीदों को याद किया। हजारो सालो से चली आ रही ज्योतिष विद्या के बारे में बताया। बॉलीवुड कलाकार सुजीत लटियाल ने "सीताराम सीताराम रेट रे.... का कीर्तन से अपनी जिभ्या से भक्ति रस की शरुआत की। लटियाल ने एक से एक बढ़कर भजनों की प्रस्तुति देकर गुरु महाराज के जय घोस से पूरे हॉल को मन्त्र मुग्ध कर दिया।हनुमान लटियाल,रवि लटियाल,आदि कलाकारों ने अपनी अपनी प्रस्तुति दी। अल सुबह आचार्य सुदेवानन्द जी महाराज के मुख से गुरु महाराज की वेदवाणी से 120 शब्दों का पाठ वह हवन पाहल का आयोजन हुआ। पाहल की स्थापना हीरालाल जी इराम ने की।हजारो की तादाद में समाज के बन्धुओ ने पवित्र पाहल ग्रहण किया।ठीक 11 बजे धर्म सभा आयोजित हुई धर्म सभा के मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर डॉ करुणाशंकर उपध्य्याय ने कहा कि बिश्नोई समाज के सयम और धैर्य को में नमन करता हु। उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज का पूरा देश ही नहीं अपितु पूरा विश्व ऋणी है,वन्य जीवों वह पड़ो की रक्षा करते है और आप सन्मान नही मानकर आप अपना कर्तव्य निभाते है। आपकी एकता ही शक्ति और निष्ठा से आप कार्य को सफल बनाते है। उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज की चर्चा विदेशी धरती पर भी होती है आपने  आरके बिश्नोई का जिक्र करते हुए कहा कि बिश्नोई जी ने दुबई में खेजड़ी का पौधा लगाकर के एक अच्छी  पहल शुरू की है यह एक उज्जवल पक्ष है। संगीतकार शिवम् पांडे ने कहा कि में सोभग्यशाली हु की बिश्नोई जैसी पवित्र समाज के साथ हु। उन्होंने "जय जाम्भोजी जय महाराज" का मधुर संगीत गाया। नरसीराम जी माझू ने शिक्षा पर जोर दिया और कहा कि  जब समाज शिक्षित होगा तब पूर्ण रूप से तररकी करेगा। हीरालाल जी इराम ने समाज की वेशभूषा पर चिन्ता प्रकट की। और नियमित हवन करने की हिदायत दी। ओमप्रकाश ढाका ने विश्नोई समाज के पौधरोपण कर रहे हरीश गोदारा, सुरेश डूडी,पुखराज गोदारा,वह उनकी  टीम को जांभाणी साहित्य भेट करके सम्मनित किया। सीए किशोर जी साहू ने होने वाली जांभाणी ज्ञान  परीक्षा की विस्तृत जानकारी दी और सभी को जम्भेस्वर जन्माष्टमी की शुभकामनाये दी।भामाशाह के रूप कालूराम जी मांझू, पपुराम ढाका, पूनमचंद खीचड़,गणपत सारण, सुनील गोदारा दहिसर, बाबूजी सारण, बाबूजी जालानी,मोहन पवार आदि भामाशाहओ का सम्मान किया। समाज ने प्रतिभा सम्मान समोराह रखा  सभी प्रतिभाओ का सम्मान किया। प्रतिभा सम्मान समोराह में किशन जी गोदारा की लड़की का महाराष्ट्रा MBBS का चयन होने पर सम्मान किया गया। इस मौके पर डॉ भरतकुमार चौधरी,सब इंस्पेक्टर राजू जी कावा ,हरीश भाम्भु, भारमल सारण,बाबुजी माझू ,बक्साराम जी, सुनील गोदारा साकीनाका,वेदप्रकाश गोदारा,प्रकाश पुनिया , राजवीर इराम,वह बिश्नोई पर्यावरण शिक्षण संस्थान के सैकड़ो कार्येकर्ता ने भागीदार निभाई। अंत में बिश्नोई पर्यावरण शिक्षण संस्थान की तरफ से पीराराम खावा ने सबको धन्यवाद देते हुए कहा कि आप सब लोगो ने सहानभूति दिखाई और एकता की मिशाल कायम की इसलिए में आप सब धन्यवाद  देता हूं ।और हापुजी सारण ने आये हुए सभी सज्जनो का आभार जताया। अंत में सभी समाज के लोगो ने महाप्रसादी का लाभ लिया है

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