राजस्थान बिश्नोई समाचार ओमप्रकाश डारा जालोर जिले के सांचौर उपखंड क्षेत्र में हिरण खरगोश नीलगाय बहुतायत में पाई जाती हैं, गर्मी सर्दी में भोजन की तलाश में ये वन्यजीव आबादी क्षेत्र में चले आते हैं। जहां वाहनों से टकरा कर घायल होने के साथ जंगली श्वान हमला कर घायल कर देते हैं।
इधर उपखंड मुख्यालय पर वन्यजीवों के लिए रेस्क्यू सेंटर खोलने को लेकर वन्यजीव प्रेमियों ने प्रशासन, वनविभाग, पशु चिकित्सा विभाग के साथ जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई। मगर रेस्क्यू सेंटर नहीं खुला। इसपर क्षेत्र के वन्यजीव पशुप्रेमी पीराराम धायल ने पहल करते हुए धमाणा गांव स्थित अमृतादेवी पार्क में अपने स्तर पर रेस्क्यू सेंटर खोल दिया,जहां घायल वन्यजीवों के प्राथमिक उपचार के लिए संसाधन जुटाए हैं। सांचौर शहर से 8 किलोमीटर दूर स्थित अमृतादेवी उद्यान धमाणा का गोलिया में बनें रेस्क्यू सेंटर में सड़क हादसे और जंगली श्वान के हमले से घायल हिरण, नीलगाय, मोर तथा खरगोश का प्राथमिक उपचार कर उनकी जान बचाई जा रही है। सांचौर निवासी पीराराम धायल पिछले 5 सालों से उद्यान में रहकर सैकड़ों जीवों की जान बचा चुके हैं। वन्य जीवों की रक्षा करना उसकी दिनचर्या बनी हुई है।
सांचौरक्षेत्र में रेस्क्यू सेंटर नहीं होने तथा सरकारी पशु चिकित्सा भी संतोषजनक नहीं होने से धमाणा स्थित अमृता देवी उद्यान में घायल वन्यजीवों का प्राथमिक उपचार कर उनके प्राण बचाने का प्रयास कर रहा हूं। -पीरारामधायल पर्यावरण वन्यजीव प्रेमी, सांचौर
रिक्शा किराए कर एकत्रित कर रहे हरी घास
उद्यानमें पल रहे सैकड़ों जीवों के लिए पीराराम की ओर से एक रिक्शा किराए पर लेकर उपखंड क्षेत्र के आसपास के खेतों में जाकर घास एकत्रित कर पार्क में इलाज करवाने वाले जीवों को खिलाते हैं। वहीं वन्यजीवों को खिलाई जाने वाली खुराक के लिए भामाशाहों को प्रेरित करते हैं। जिससे पिछली सर्दी में भामाशाह किशनलाल कड़वासरा ने लगातार चाह माह तक रजका बाजरी की व्यवस्था की थी।
सूचना मिलते ही पहुंच जाते हैं मदद को
पीराराममें वन्यजीवों के प्रति सेवा का जज्बा इस कदर सवार हैं कि किसी वन्यजीव के घायल होने की सूचना उनको मिलती हैं तो वो पार्क से चाहे तीस किलोमीटर दूर हो तो भी पहले पार्क आकर वन्यजीव का प्राथमिक उपचार कर तुरंत डॉक्टर को कॉल करते हैं।
उद्यान में इस समय 247 जीवों का चल रहा उपचार
अमृतादेवीउद्यान में सांचौर, चितलवाना सांचौर से जुड़ते बाड़मेर जिले के गांव में घायल वन्यप्राणियों को अमृतादेवी उद्यान में रखने के साथ पीराराम उनका पशु चिकित्सक द्वारा प्राथमिक उपचार करने के साथ उनकी सेवा कर रहे हैं। पीराराम ने बताया कि इस समय पार्क में 210 हिरण, 10 नीलगाय, 20 खरगोश, 5 मोर, 2 बंदर का उपचार करने के साथ उनकी देखभाल कर रहे है।
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