
समाज के लोगों ने हवन में आहुतियां देकर क्षेत्र में खुशहाली , सुकाल व हरियाली की कामना की। हाळी अमावस्या पर किसानों ने परपारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार किसानों ने शुगन देखे । इस दौरान किसानों ने आने वाले जमाने की संभावनाएं देखी।
किसानों ने बताया कि इस बार के अच्छे शगुन देखे गए हैं एवं सुकाल की उम्मीद है।वहीं घरों में हाळी अमावस्या पर परम्परागत रीति रिवाज के अनुसार कुटे हुए बाजरे से खीचड़ा (धान) बनाया। सभी लोगों ने मिलकर गुड़ घी के साथ स्वादिष्ट खीचड़े का भोजन किया । मान्यता हैं कि हाळी अमावस्या पर बाजरे के खींच से अच्छे शुगन होते हैं।
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