सामाजिक विकास के अग्रदूत थे लाधुराम बिश्नोई

बाड़मेर के पूर्व जिला प्रमुख स्वर्गीय लाधूरामजी विश्नोई को उनकी प्रथम पुण्य तिथि पर दी श्रद्धांजली
बिश्नोई समाचार बाड़मेर पूर्व जिला प्रमुख स्वर्गीय लाधूराम विश्नोई को उनकी प्रथम पुण्य तिथि पर मंगलवार शाम को ५ बजे विश्नोई गुरूद्वारा नेहरू नगर बाड़मेर में श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया जिसमें जिले भर के विश्नोई समाज के सैकड़ों लोगों ने भाग लेकर अपने कदावर नेता व मार्गदर्शक को याद किया सर्व प्रथम उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया श्रद्धांजली अर्पित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता भाखराराम गोदारा ने स्व.विश्नोई को एक महान सामाजिक कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि एक महान व्यक्ति खो दिया है जिसकी पूर्ति असंभव है पूर्व प्रमुख के भाई मेघाराम तथा सुपुत्र गोपीलाल ने उनके पारीवारिक जीवन के बारे में बताया ठेकेदार भजनलाल विश्नोई तथा अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के सदस्य रूगनाथ खीचड़ ने भी विचार व्यक्त किये कार्यकर्म के प्रमुख वक्ता व समाज के प्रवक्ता मास्टर बंशीलाल ढाका ने बताया
मालाणी की मरूधरा के लाल जन-जन के हितेषी, छत्तीस कौम के लोकप्रिय कदावर नेता, बाड़मेर जिले में विश्नोई समाज के पथ प्रदर्शक, विकास के अग्रदूत  छत्तीस कौम के लाडले नेता, नेक निर्भीक, सहनशील एवम् औजस्वी वाणी, किसान हितेषी, रामदान चौधरी, विरधीचंद जैन, रामसिंह विश्नोई, अब्दुल हादी, पूनमचंद विश्नोई व रधुनाथ विश्नोई के हमजोली, गुरू जंभेश्वर चेरीटेबल ट्रष्ट व जम्भेशवर सेवा संस्थान बाड़मेर के संस्थापक व संरक्षक व आजीवन अध्यक्ष स्व.श्री लाधूराम का जन्म तत्कालीन मालानी परगने के छोटू गांव में प्रगतिशील किसान  श्री बलदेवाराम गोदारा के घर वि.सं.१९८९ की भादवा अमावस्या तदनुसार दिनांक २९ अगस्त १९३२ को हुआ ! आप प्रारंभ से ही मेहनती, लगनशील व जुझारू प्रवृति के थे देश के आजादी के बाद से काफी समय तक ग्राम पंचायत छोटू के सरपंच रहे किसान हितेषी कार्यों के कारण आप छत्तीस के लोक प्रिय नेता बने किसानों पर होने वाले हर प्रकार के अत्याचारों का आपने हर समय डटकर विरोध किया इसी के बदोलत आप अपने राजनैतिक  प्रगति के पथ पर अग्रसर होते हुए एक बार सिणधरी पं.स.के प्रधान तथा दो बार बाड़मेर के जिलाप्रमुख रहे आप १९८५ से १९९५ बाड़मेर के अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के जिला प्रधान भी रहे आप गुरू जांभोजी को साक्षी मानते हुए आजीवन अपने सिद्धांतों पर कायम रहे! आपके धुर विरोधियों ने आपके इस सिद्धांत का सदैव लोहा माना आपके पास सहायता के लिये आने वाले हर इंसान की आपने जात- पांत छोट- मोट की बिना किसी भेदभाव के हरसंभव सहायता की समाज व  आमजन की सेवा करते हुए  पीछे भरापूरा परिवार छोड़ कर आपने ३ मई २०१५ को मोक्ष धाम को प्रस्थान किया
इस अवसर पर मंगलाराम मांजू, केसरीमल वकील, राजेश मांजू वकील, भजनलाल वकील, प्रकाश खिलेरी, देवीलाल कड़वासरा, सुनील कांवा, मनोहरलाल जाणी, हीराराम भादू, किशनाराम खीचड़, सुजानाराम खीचड़, थानेदार जगदीश जी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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