
उसने बताया कि स्कूल में अध्ययन के अलावा वह नियमित छह घंटे पढ़ाई करता था। माता-पिता के आशीर्वाद और गुरुजनों के मार्गदर्शन से उसे यह मुकाम मिला है। क्रिकेट के शौकीन मांगीलाल बिश्नोई के माता-पिता खेती-बाड़ी का काम करते हैं। यह पांच भाई बहनों में चौथे नंबर पर है। इनसे बड़ी तीन बहने हैं। सबसे छोटा महेन्द्र है। जिसने अभी 10वीं की परीक्षा दी है।
राज्य मेरिट में स्थान बनाने पर दादी गौरीदेवी और पिता मोहनलाल सहित अन्य परिजनों ने मिठाई खिलाकर उसका अभिनंदन किया। गांव में बधाई देने वालों का तांता लग गया। छात्र मांगीलाल बिश्नोई ने बताया कि वह दसवीं में फेल हो गया था लेकिन हार नहीं मानी। इसके बाद दुबारा दसवीं की परीक्षा दी और 71 प्रतिशत अंक हासिल किए।
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