खेजड़ी काटने पर बिश्नोई समाज में रोष, तहसीलदार ने कहा- खेजड़ी तो कोई भी काट सकता है, फिर बोले, यह तो जुर्म है

लिखमीसर बिश्नोई समाचार गोलूवाला थाना के गांव सूरांवाली स्थित श्रीगुरुसर मोडिया-पीलीबंगा रोड के नजदीक आठ एचडीपी तथा सूरतगढ़ तहसील के चक 26 एमओडी में खेजड़ी के वृक्षों को खेत मालिक ने कटवा दिया। इस संबंध में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के महासचिव विनोद धारणियां ने दूरभाष पर गोलूवाला थाना प्रभारी बुटासिंह को सूचना दी इस पर जांच अधिकारी भूपसिंह को मौके पर भेजा पुलिस को देखकर पेड़ काटने वाले मौके से फरार हो गए। पीलीबंगा तहसीलदार से इस संबंध में भास्कर संवाददाता ने जानकारी चाही तो तहसीलदार ने जवाब दिया कि खेजड़ी, बबूल, सफेदा आदि को कोई भी काट सकता है। हमारे यहां (उदयपुर) में तो पेड़ खूब काटे जाते हैं। जबकि राज्य सरकार के स्पष्ट दिशा-निर्देश है कि खेजड़ी राज्य वृक्ष है इसको किसी भी तरह से काटने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। खेजड़ी के वृक्षों की कटाई को लेकर पुलिस से बात की गई तो जांच अधिकारी ने बताया कि संबंधित मामला वन-विभाग का है। 

घटनास्थल पर कटे पड़े मिले खेजड़ी के पेड़ 

पीलीबंगातहसील के चक आठ एचडीपी में दो खेजड़ी के पेड़ मौकास्थल पर कटे पड़े थे। इनको कुर्क कर लिया गया आगे की कार्रवाई के लिए तहसीलदार को रिपोर्ट पेश कर दी गई है। 

मुझेपता नहीं था खेजड़ी काटना जुर्म है : मीणा 

मुझेजानकारी नहीं थी कि खेजड़ी के पेड़ को हर कोई काट सकता है। सर्कुलर मंगवाकर जानकारी ली तो पता चला कि जुर्म है इसकी अनुमति भी नहीं दी जा सकती है। बसंतसिंह मीणा, तहसीलदार 

Post a Comment

और नया पुराने