धरती माता करे पुकार पेड़ लगाओ कई हजार बिश्नोई समाचार प्रकाशचंद बिश्नोई मुम्बई। विलेपार्ले में विभिन्न हिन्दू संघटनों के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को भारतीय नव वर्ष" का सेलिब्रेशन करने हेतु आयोजित विशाल रैली निकाली गई। जिसमे अलग संस्थाओ झांकिया थी "मुम्बई बिश्नोई समाज" ने भी आगे बढ़ कर "पर्यावरण संरक्षण एवम् जीव रक्षा" पर्यावरण बचाओ जीवन बचाओ विषय पर दिग्गज संस्थाओ में जुड़कर रैली निकली गई।
सर्वप्रथम बिश्नोई युवा संगठन के अध्यक्ष किशोर बिश्नोई उपाध्यक्ष ओमप्रकाश ढाका ने रैली के आयोजक राजेश पूनिया को जाम्भाणी साहित्य भेंट कर धन्यवाद ज्ञापित किया। जिसमें पेड़ लगाओ तथा पर्यावरण संरक्षण के नारे लगाते हुए लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया। मुम्बईकर बहुत प्रभावित और आश्चर्यचकित हुए पर्यावरण सरंक्षण में बिश्नोई समाज के गौरवशाली इतिहास और "सिर साँठे रुंख रहे, तो भी सस्तो जाण" के बारे में सुनकर विलेपार्ले विधायक पराग अलवानी ने पर्यावरण प्रेमियों को आभार प्रकट किया। जिसमे सीए मांगीलाल बिश्नोई कहा कि यदि हम अब भी नहीं चेते तो आने वाली पीढिय़ां हमें कभी माफ नहीं करेंगी। इसलिए हमें इन्हें बचाने का हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। रमेश बिश्नोई ने बताया पर्यावरण संरक्षण प्रति खमुराम बिश्नोई और राणाराम बिश्नोई के योगदान को याद किया गया है ओर यह संदेश आगे हर देश भर में पहुँचाया जाए यही बिश्नोई समाज के लिए बड़ी उपलब्धि रहेगी। पर्यावरण प्रेमी पिराराम खावा कहा कि भौतिकतावादी व औद्योगिकीकरण के कारण हम धरती के प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन कर रहे है जिसके कारण ये संसाधन लगातार कम होते जा रहे हैं। इससे पर्यावरण पर गम्भीर खतरा पैदा हो गया है।इसलिए हमें न केवल स्वयं अधिकाधिक पेड़ लगाने चाहिएं, बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।
पर्यावरण की रक्षा के लिए बिश्नोई समाज द्वारा ’’ पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ’’ का तख्ता लेकर रैली निकालकर पर्यावरण की रक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया। इस कार्यक्रम में मोहन खीचड़, प्रकाश बोला, सुरेश डूडी, ओमप्रकाश कड़वासरा,मानाराम तेतरवाल, मोहन कड़वासरा, प्रकाश लोल,जगदीश खिचड़,पपू ढाका, सुरेश बिश्नोई, हरीश भाभू, कालूराम मांजू ,साजन खिचड़, सुनील गोदारा, ओमप्रकाश पालड़िया, भागीरथ भादू, मनीष सारण, रघुनाथ ऐचरा, राजूराम लोल, किशनलाल भादू, प्रकाशचंद बिश्नोई, समाज सेवी सुनील गोदारा (लियदरा) ने भी सहयोग दिया।
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