
जोधपुर बिश्नोई समाचार
रामप्रकाश सिदाणी फतेहसागर फलोदी मैला कमेटी कि और से जम्भसरोवर तीर्थ की पवित्रता एंव शुचिता को कायम रखने का आयोजन किया गया । मैला परिसर को पोलिथीन मुक्त रखने मे सभी भक्तों अपना सहयोग प्रदान किया। दुकानदारों को को प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग करने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। मुख्य मंदिर व आस पास के क्षेत्र को रोशनी से सजाया गया है। । मेला परिसर से बाहर वाहनों की पार्किंग व्यवस्था की गई है। आस्थ का एक बोत बङा पवित्र स्थल जम्भ सरोवर स्वयं गुरू जम्भेश्वर भगवान ने अपने भक्तों के सहयोग से खुदवाया था.. आज से कुछ वर्षो पुर्व तक लोग जाम्भा मेले में तीन से सात दिनों तक तहरते थे। आवागमन के साधन ऊंट्गाडी या बैलगाडी होती थी। वे राशन.पानीए ईंधन आदी साथ लेकर चलते थे। मेले में अलग.अलग गांवों के डेरे ;कैम्पद्ध निश्चिन स्थानों पर होते थे। डेरों में भोजन हाथ से बनाया करते। कीर्तनए भजनए साखी गाते शब्दों का पाठ करते थे। एक दिन में तीन बार मंदिर के दर्शन करते थे। रत्रि.जागरणों मे अलग.अलग कई स्थानों पर धर्म.प्रचार एवं सत्संग होताथी।
एक टिप्पणी भेजें