9 साल बाद कांग्रेस में लौटे कुलदीप, सोनिया गांधी के सामने विलय

नई दिल्‍ली : हरियाणा जनहित कांग्रेस (बीएल) का गुरुवार को कांग्रेस पार्टी में विलय हो गया है। हजकां प्रमुख कुलदीप बिश्नोई ने आज दिल्ली में इसकी घोषणा की। तकरीबन नौ साल के बाद कुलदीप विश्‍नोई की घर वापसी (पुन: कांग्रेस में लौटना) हुई है।

कुलदीप बिश्नोई के नेतृत्व वाली हरियाणा जनहित कांग्रेस का गुरुवार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी में विलय कर दिया गया। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की गैर मौजूदगी अपने आप में काफी कुछ कह रही थी। हजकां प्रमुख कुलदीप बिश्नोई ने आज दिल्ली में विलय की घोषणा की। तकरीबन नौ साल के बाद कुलदीप विश्‍नोई की घर वापसी (पुन: कांग्रेस में लौटना) हुई है।

हजकां प्रमुख कुलदीप बिश्नोई अपनी वर्किंग कमेटी और पत्नी रेणुका बिश्नोई के साथ आज सुबह 9.30 बजे यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से उनके निवास पर मुलाकात की। इसके बाद 10 बजे विलय की घोषणा कर दी गई। ये विलय बड़े नेताओ की मौजूदगी में हुआ। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा, अशोक तंवर, किरण चौधरी और कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी शकील अहमद इस मौके पर मौजूद रहे।

हजकां का गठन बिश्नोई के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल ने वर्ष 2007 में कांग्रेस से अलग होने के बाद किया था। कांग्रेस पार्टी की ओर से वर्ष 2005 में जाट नेता हुड्डा को प्राथमिकता दिए जाने से नाराज होकर भजनलाल ने पार्टी बनाई थी।

साल 2011 में तीन जून को भजनलाल का देहांत हो जाने के बाद बिश्नोई ने पार्टी की कमान संभाल ली थी। उन्होंने 10 जनपथ पर इस विलय की घोषणा करते हुए कहा कि मैं कभी कांग्रेस से अलग नहीं हुआ था। एक परिवार में मतभेद होते ही हैं। कांग्रेस हमारे खून में है। मतभेद अब दूर हो चुके हैं। वर्ष 2014 के संसदीय चुनावों के लिए हजकां ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी अलग से लड़ी थी और उसे महज दो ही सीटें मिली थीं। कुलदीप बिश्नोई अपने पिता की पारंपरिक सीट आदमपुर (हिसार) से जीते थे जबकि उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई हांसी से जीती थीं। बिश्नोई ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही हमारे नेता हैं। हम कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। मैं पार्टी के एक आम कार्यकर्ता की तरह काम करूंगा और मैंने कोई शर्तें नहीं रखी हैं, न ही मैं किसी पद के लालच में वापस आया हूं। राज्य में एआईसीसी के प्रभारी महासचिव शकील अहमद ने हुड्डा की गैर मौजूदगी की बात को महत्व न देते हुए कहा कि वह भी विलय के पक्ष में हैं।

उन्होंने कहा कि सभी यहां मौजूद थे। भूपिंदर सिंह हुड्डा को एक जरूरी काम था इसलिए वह यहां नहीं आ सके। वह भी आएंगे और अन्य नेताओं के साथ दिखेंगे। यह उनकी भी मर्जी है और वह पूरे दिल से इस विलय के साथ हैं। अहमद ने कहा कि मतभेद बीते दौर की बात हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि बिश्नोई को पार्टी में जिम्मेदारी दी जाएगी और वह कांग्रेस के एक ‘मजबूत नेता’ बनकर उभरेंगे। उन्होंने कहा कि भजनलाल जी कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता थे, जो कुछ कारणों के चलते अलग हो गए। अब, वे चीजें खत्म हो चुकी हैं और किसी ने बीते समय में क्या कहा, यह बात अब अप्रासंगिक हो चुकी है। आज एकसाथ चलने का फैसला लिया गया है और कुलदीप पार्टी के एक मजबूत नेता के तौर पर उभरेंगे।

गौर हो कि हरियाणा जनहित कांग्रेस प्रमुख कुलदीप बिश्नोई ने दो दिन पहले ही पार्टी को कांग्रेस में विलय करने की घोषणा की थी। सूत्रों के मुताबिक कुलदीप को यह आश्वासन मिल गया है कि उनके साथ आने वाले कार्यकर्ताओं को हताश नहीं होने दिया जाएगा। रैली की तिथि की घोषणा होते ही हरियाणा में कुलदीप नई जमीन तैयार करने में जुट जाएंगे। हजकां के कार्यकर्ताओं की नजरें कुलदीप को कांग्रेस में मिलने वाली जिम्मेदारी पर टिकी हैं। कांग्रेस में पुराने प्रतिद्वंद्वियों से जूझने में कुलदीप को समय तो लगेगा ही साथ ही अपनी कार्यकुशलता का परिचय भी देना होगा।

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