आनन्द हुओ अपार पीपासर नगरी में : सुश्री सिद्घि बिश्नोई

हरीश भाम्भु नागौर /मुकाम अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा द्वरा  आयोजित जांभाणी हरिकथा का दूसरे दिन कथा वाचिका सुश्री सिद्धि बिश्नोई आदमपुर ने कथा वाचक करते हुए कहा की चित और मन  एक जगह होता तब भगवान की भक्ती सार्थक होती है सुश्री सिद्धि ने कहा की भगवान की सच्ची भक्ति का प्रमाण देते हुए  माता द्रोपती का उदारण वह कई भगतो का सारांश विस्तार से दिए उन्होने गुरु जाम्भोजी की शब्दवाणी पर जोर देते हुए कहा की हर वक्ती को गुरु महाराज के बताये हुए रास्ते पर चलने की हिदायत दी उन्होने कहा की भगवान जांभोजी ने पांखड वह आडम्बर का खडन किया इसलिए हमें भी किसी पांखड में नहीं पड़ना चाइए और परमपिता भगवान ॐ विष्णु का जाप वह तप करना चहिये उन्होने गुरु की महता बताते हुए गुरु महीमा का भी बखान किया ,सुश्री सिद्धि जी की माताजी रोशनी बिश्नोई ने कहा की भगवान की असीम कृपा होती है तब भगवान का भजन वह नाम सुमरण करने का मौका मिलता इसलिए हमको यह विशाल हिरिकथा सुनने का मौका  मिला  है सैकड़ो की सख्या भगतो ने गुरु महाराज के जयकारो से पंडाल को मन्त्र मुग्ध किया कैलाश लटियाल एण्ड म्युजिकल ग्रुप ने अपनी संगीतमय वाणी से सभी भक्तो को भाव विभोर किया अंत में लालदास जी महाराज ने योग शिविर की जानकारी दी।

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