आवारा कुत्तों के हमले से , हिरण प्रजाति पर संकट

आज कुत्तों के हमले से चिंकारे का बच्चा घायल , पूर्व में समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद चेता विभाग , आज घायल हिरण की ली सुध ।

कवरेज शंकर गोदारा छोटु
धोरीमन्ना के गाँव मीठड़ा खुर्द  में आवारा कुत्तों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा। हर रोज आवरा कुत्ते राज्य पशु चिंकारा को अपना शिकार बना रहे हैं। दूसरी ओर गोचर भूमि से लगातार हो रही वनों की कटाई के चलते इनके आहार और आवास पर भी संकट खड़ा हो गया हैं। क्षेत्र में दर्जनों के झुंड में विचरण करने वाले चिंकारे अब एक दुक्के ही नजर आने लगे हैं ।  अगर यही हाल रहा तो चिंकारा प्रजाति पर विलुप्त हो जायेगी। क्षेत्र में लगातार घट रही राज्य पशु चिंकारा की संख्या को लेकर वन विभाग बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं । वन विभाग के अधिकारी शिकारी  कुत्तों को पकड़ने व गोचर भूमि से वन काटने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने से जी चुरा रहा है । 

👉क्षेत्र आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस कारण आवारा कुत्ते प्रतिदिन किसी न किसी हिरण पर हमले कर रहे है। क्षेत्र में आवारा कुत्तों के हमलों से अब तक करीब दर्जन हिरण मारे जा चुके है। ऐसे में यह स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। हालाकि गाँव के वन्य प्राणी प्रेमी और रक्षक प्रयास में जुटे है और घायल हिरणों को तुरत अस्पताल तक शहर पहुंचाते है और घायल हिरण का इलाज करवाते हैं  लेकिन कई बार समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण हिरण की मौत हो जाती है। गौरतलब हैं कि कुछ ही दिन पहले धोरीमन्ना के रेस्क्यू सेण्टर में उपचार के अभाव में एक ही दिन दो चिंकारों दम तोड़ दिया था । जिसकी समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद थोड़े बहुत चेते भी हैं , आज मीठड़ा गांव के सरहद में सुबह आवारा कुत्तों ने हमला कर चिंकारे के बच्चे को घायल कर दिया था । पर्यावरण एवं वन्यजीव प्रेमी भंवरलाल भादू ने रेस्क्यू सेण्टर धोरीमन्ना को सुचना की।  सेण्टर से थोड़ी ही देर में रेंजर हीरालाल सोलंकी मय टीम मौके पर पहुंचे और धोरीमन्ना  रेस्क्यू सेंटर लाकर उपचार किया । रेस्क्यू सेण्टर में आवास की व्यवस्था नहीं होने के कारण चिंकारे के बच्चे को अमृतादेवी उद्यान धमाणा भेजा गया ।

गोचर भूमि से वनों की कटाई रोकने के लिए ग्राम पंचायत को अवगत करवाया। लेकिन कोई ठोस कारवाई नही हुई। क्षेत्र में आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए वन विभाग को अभियान चलाया जाना चाहिये ।पंचायत व वन विभाग के सहयोग से पर्यावरण व वन्यजीव को बचाया जा सकता हैं । "
भंवरलाल भादु
वन्यजीव व पर्यावरण प्रेमी
मिठड़ा खुर्द

Post a Comment

और नया पुराने