हरियाणा सरकार एस.बी.सी. आरक्षण बारे शीघ्र अध्यादेश जारी करें-बिश्नोई सभा पंचकूला 

पंचकूला बिश्नोई समाचार 21 फरवरी जाट, बिश्नोई, रोड़, त्यागी और जटसिख पाँच जातियों को विषेश पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण मामले में प्रदेश के वर्तमान विकराल हालात को देखते हुए हरियाणा सरकार तुरन्त प्रभाव से विषेश पिछड़ा वर्ग (एस. बी. सी.) आरक्षण बारे अध्यादेश जारी करें। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की जिला पंचकूला शाखा की बिश्नोई भवन एवं श्री गुरु जम्भेष्वर मन्दिर, पंचकूला के संयुक्त सचिव एवं प्रैस प्रभारी पृथ्वीसिंह बैनीवाल ने सभा की ओर से यह मांग की। इस अवसर पर स्थानीय ईकाई के अध्यक्ष श्री अचिन्तराम गोदारा, उपाध्यक्ष मोहनराम कालीराणाा, कोषाध्यक्ष ईन्दरसिंह खदाव, कार्यकारी सदस्य पृथ्वीसिंह ढ़ुकिया, पंछीराम ढ़ुकिया, दषरथ धारणिया, ओम प्रकाश भादु बलटाना, प्रेमसिंह जाणी इत्यादि भी उपस्थित थे।

     अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के आजीवन सदस्य एवं प्रैस प्रभारी पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई ने प्रदेश वासियो विषेशकर आन्दोलनरत भाइयों एवं बहनों आन्दोलन के दौरान कोई बदनामी का कार्य जैसे किसी भी प्रकार की सरकारी या निजि सम्पति को नुकषान नहीं पहुँचाने के साथ साथ प्रदेष में अमन शान्ति एवं भाईचारा बनाये रखने की अपील की है। उन्होंने बताया कि जाट, बिश्नोई, रोड़, त्यागी और जटसिख पाँच जातियों को विषेश पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण मामले में पिछले एक वर्ष से सरकार की ढुल मूल रवैया अपनाने की निति को इस आंदोलन का प्रमुख कारण बताया। जाट, बिश्नोई, रोड, जट्ट सिख व त्यागी सहित पांचो जातिया कृषि पर आधारित है, और लगातार घट रही पैदावार और घाटे में चल रहे कृशि कार्य को देखते हुए ये सब पिछड़ते जा रहे है। वर्तमान विकराल समय में इन जातियो की आरक्षण की मांग उपयुक्त एवं उचित है। सम्पूर्ण बिश्नोई समाज भी जाटो के द्वारा चलाये जा रहे आरक्षण आन्दोलन एवं इसके लिए की जा रही मांग का समर्थन करता है।

   प्रैस प्रभारी पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई ने सरकार से सादर अनुरोध किया कि शीघ्राति शीघ्र अध्यादेश जारी करने के साथ साथ आरक्षण के सम्बन्ध में आगामी बजट सत्र में विधेयक भी लेकर आये एवं पास करवायें ताकि इसे कानूनी रूप दिया जा सके। वर्तमान में इसमें कोई रूकावट की सम्भावना भी नहीं है, क्योंकि सभी दलों ने इस विषेश पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण मामले पर अपनी अपनी सहमति दे दी है। उन्होंने कहा संविधान में आर्थिक रूप् से पिछड़ा वर्ग के रूप में आरक्षण का कोई प्रावधान ही नही है तो आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का कोई औचित्य नही है। इसलिए हरियाणा प्रदेश में विधेयक लाकर अगर विषेश पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण एस बी सी का आरक्षण दिया जाता है तो फिर केंद्र में भी ओ बी सी के तहत आरक्षण के लिए मजबूती से पक्ष रखा जाना बहुत जरूरी है और रखा भी जा सकता है। जब 1994 में सैनी, अहीर, गुजर व मेव को पिछड़ा वर्ग में शामिल किया था, वे भी लगभग कृषि पर आधारित थे। आज के वर्तमान हालात में जाट, बिश्नोई, राड़, जट्ट सिख व त्यागी किसी भी सूरत में 1994 में शामिल चार जातियो से आगे नही है बल्कि इनके समकक्ष ही है। अतः इन्हें उसी प्रकार से आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। 

(पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई)   
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के आजीवन सदस्य एवं प्रैस प्रभारी श्री बिष्नोई सभा, पंचकूला।

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