पानी छोड़ने की मांग को लेकर विधायक सुखराम विश्नोई का धरना


 सांचौर क्षेत्र में नर्मदा नहर परियोजना की वितरिकाओं माइनरों के अंतिम टेल तक पानी नहीं पहुंचने के कारण किसानों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है। वहीं किसानों को सीयालू सीजन में बोई जाने वाली फसलों का समय बीत रहा है लेकिन पानी नहीं रहा है। किसानों ने बताया कि नर्मदा विभाग के उदासीनता के चलते अभी तक ज्यादातर वितरिकाओं में पानी नहीं छोड़ा है ऐसे में रबी की फसल में देरी हो रही है। किसानों की समस्याओं को देखते हुए सोमवार को विधायक सुखराम विश्नोई सहित कांग्रेसी पानी देने की मांग को लेकर उपखंड मुख्यालय के आगे धरने पर बैठे। 

विधायकसहित कार्यकर्ता एवं किसान बैठे धरने पर : नर्मदानहर परियोजना की वितरिकाओं में पानी नहीं देने टेल तक पानी नहीं पहुंचने को लेकर सांचौर विधायक सुखराम विश्नोई कांग्रेसी कार्यकर्ता सोमवार से उपखंड कार्यालय के आगे धरने पर बैठ कर मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। विधायक ने बताया कि अक्टूबर में आयोजित हुआ धरने के दौरान विभाग ने लिखित में समझौता किया कि 6 नवंबर तक नर्मदा के वितरिकाओं में किसानों को पानी उपलब्ध कर दिया जाएगा। 
मगरविभाग ने अभी तक पानी नहीं दिया है। नर्मदा मुख्य नहर में 800 क्यूसेक पानी ही चल रहा है, जिससे पानी वितरिकाओं तक नहीं पहुंच पा रहा है। विधायक ने बताया कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया गया जो मंगलवार से अनशन दिया जाएगा। इस मौके पर पूर्व प्रधान डॉ शमशेर अली, धोरीमन्ना प्रधान ताजाराम, लक्ष्मीचंद गांधी, नगरपालिका प्रतिपक्ष नेता बीरबल विश्नोई, प्रतापपुरा सरपंच गौरव सारण, ठाकराराम गोदारा, हिंदुसिंह चौहान, रामगोपाल धायल, बाबूलाल गोदारा, मनोज कुमार सारण, हरिकिशन विश्नोई, धीमाराम जाणी, चेलाराम रेबारी, महेन्द्र कुमार सहित किसान एवं कार्यकर्ता मौजूद थे। 

कई वितरिकाओंं में टेल तक नहीं पहुंच रहा है पानी 

नर्मदाविभाग ने कुछ वितरिकाओ में पानी छोड़ा है, लेकिन वो पानी टेल तक नहीं पहुंचने से टेल के किसानों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 

किसानों के माथों पर छाई चिंता लहर 

क्षेत्रके किसान ने रबी की फसल के लिए अपने खेतों को करीब 1 माह पहले ही तैयार कर लिया था लेकिन पानी नहीं आने के कारण अब चिंतित है। नर्मदा विभाग द्वारा अभी तक माइनरों वितरिकाओं में पानी नहीं छोड़ा है, ऐसे में किसानों के चेहरों पर चिंता छाई हुई है। किसानों का कहना है कि हजारों रुपयों का कर्ज लेकर खेतों को तैयार किए है लेकिन पानी के अभाव में परेशान होना पड़ रहा है। 

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