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सांचौर. क्षेत्र के हाड़ेतर सरहद में स्थित अस्थाई गोशाला में गोवंश। |
जालोर बिश्नोई समाचार सांचौर क्षेत्र के हाडेतर गांव में रहने वाले सुजानाराम विश्नोई के गोप्रेम के सभी कायल है। उनके अमिट गोप्रेम के कारण ग्रामीणों के सहयोग से उन्होंने गांव में गोशाला खोली और आज वहां 2 सौ बेसहारा गोवंश पल रहे है। गोशाला संचालन के लिए वह सुबह 4 घंटे तक गांव के हर घर घूमकर गोग्रास मांगता है तथा बाद में परिवार के पोषण के लिए रिक्शा चलाता है। बेसहारा गोवंश की सेवा करने वाला गांव का रिक्शा चालक सुजानाराम शुरु-शुरु में सड़क पर खड़े रहकर इन बेसहारा गोवंश के लिए गुड़ के पैसे एकत्रित कर इन्हें गुड़ खिलाता था। इस पुण्यशाली काम में ग्रामीणों ने उसका पूरा सहयोग किया। लोगों ने हौसला अफजाई की और गांव में ही अस्थाई गोशाला खोल दी। आज इस गोशाला में गांव में विचरण करने वाले 2 सौ बेसहारा गोवंश पल रहे है।
सुबह4 घंटे गोग्रास के नाम :
बेसहारागोवंश के अच्छे लालन-पालन के लिए सुजानाराम कोई कसर नहीं छोड़ता। प्रतिदिन सुबह 8 से 12 बजे तक का समय उसने गोग्रास के लिए तय कर रखा है। गोग्रास के रुप में खाद्यान्न हरे चारे के लिए लोगों से चंदा एकत्रित कर गायों को चारा गुड़ खिलाता हैं। उसके बाद बाजार में रिक्शे पर मजदूरी करता हैं
पुण्यके साथ फायदा भी : ग्रामीणइस कार्य से बेहद खुश है। उनका मानना है कि पुण्यशाली कार्य के साथ गांव को बेसहारा गोवंश से मुक्ति भी मिली है। बेसहारा गाेवंश के कारण फसलाें को होने वाला नुकसान भी खत्म हो चुका है।
पहले माह में दो दिन करता था गोसेवा
रिक्शा चालक सुजानाराम विश्नोई पूर्व में अमावस्या एवं पूर्णिमा के दिन ही सड़क पर खड़े होकर वहां से निकलने वाले लोगों से गोवंश के लिए गुड़ के पैसे मांगता था। ग्रामीणों के सहयोग से उसने गोशाला खोलने का मानस बनाया।
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