मंगाली में बिश्नोई समुदाय करेगा केवल परिवार रिश्तेदारों के लिए मृत्युभोज

हिसार बिश्नोई समाचार बिश्नोई समाज में मृत्यु पर दिए जाने वाले मृत्युभोज केवल परिवार रिश्तेदारों को ही दिया जाएगा। यह फैसला गांव मंगाली के गुरु जंभेश्वर मंदिर में मंगाली बिश्नोई सभा की बैठक में किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रधान रामकुमार चाहर ने की। गौरतलब है कि बिश्नोई समुदाय में अगर किसी बुजुर्ग़ की मृत्यु हो जाती है तो प्रथा बनी हुई है कि पुरे गांव सभी रिश्तेदारों परिवार के लिये हलवा चना बनाकर मृत्यु भोज दिया जाता है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि मृत्युभोज को पूर्ण रुप से बंद ना करके इसको परिवार रिश्तेदारों तक सीमित किया जाए। 
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा हिसार शाखा के सचिव अनिल भांभू ने बतलाया कि आमतौर पर देखा जाता है कि मृत्युभोज में काफी अधिक मात्रा में हलवा और छोले बनाए जाते है। दुख की घडी के समय ऐसे व्यंजन परोसना बहुत ही गलत है और साथ ही अधिक मात्रा में बनाई गई खाद्य सामग्री बर्बाद भी होती है। उन्होंने कहा कि मृत्युभोज देने वाला परिवार को जहां सदस्य के खोने पर दुख होता है वही दूसरी तरफ यह प्रथा परिवार को आर्थिक रुप से कमजोर करती है। 

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