भक्ति के लिए मनुष्य का मन साफ होना जरूरी -आचार्य

बाङमेर फूलण बिश्नोई समाचार श्रवण बैनिवाल फूलण गाँव में चल रही जम्भवाणी भागीरथी कथा के तीसरे दिन श्रध्दालुओं को कहा कि  हमारे मन में द्वेष है या फिर अपने स्वार्थ कि पूर्ति के लिए ही भक्ती करते हैं तो उस भक्ति से कोई फायदा नहीं होता।भक्ति के मनुष्य का मन साफ होना जरूरी है यह संबोधन शुक्रवार को फूलण गाँव में चल रही जम्भवाणी भागीरथी कथा के तीसरे दिन श्रध्दालुओं को कहीं।
उन्होंने कहा कि हम धर्म तथा पूर्णय के मार्ग चले तथा कभी भी सत्यक्रमो का परित्याग नहीं करें। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने कृत्य रूपी मार्ग से भटक गये हैं।हम पाखंड,अधंविसवास, भुत-प्रतो के चक्कर में नहीं पङे। सिर्फ परमात्मा से नाता जोङकर रखे। आदमी का प्राणी मात्र के प्रति दया वह प्रेम भाव रखने से इस मानव रूपी शरीर का कल्याण होगा। इस अवसर पर सभी धर्म प्रेमी सृजन मौजूद थे।

Post a Comment

और नया पुराने