
उन्होंने कहा कि हम धर्म तथा पूर्णय के मार्ग चले तथा कभी भी सत्यक्रमो का परित्याग नहीं करें। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने कृत्य रूपी मार्ग से भटक गये हैं।हम पाखंड,अधंविसवास, भुत-प्रतो के चक्कर में नहीं पङे। सिर्फ परमात्मा से नाता जोङकर रखे। आदमी का प्राणी मात्र के प्रति दया वह प्रेम भाव रखने से इस मानव रूपी शरीर का कल्याण होगा। इस अवसर पर सभी धर्म प्रेमी सृजन मौजूद थे।
एक टिप्पणी भेजें