
विश्नोई महासभा के जिलाध्यक्ष सुरजनराम साहू ने कहा कि विश्नोई समाज पर्यावरण प्रेमी और अहिंसा वादी है, जिन्होंने पर्यावरण से सदैव प्रेम किया है, प्रशासन को इसपर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। इस दौरान मालवाड़ा के सुखदेव मुनि ने भी वृक्षों को मनुष्य के जीवन का अभिन्न अंग बताते हुए इसमें समाज से सहयोग की बात कही। रामरतन विश्नोई ने कहा कि धमाणा उद्यान पर्यावरण की मिसाल है, पूरे हिंदुस्तान में ऐसा संरक्षण यहां पहली बार किया गया है, उन्होंने सड़क निकालने के नाम पर पौधों को काटने का विरोध जताया। पीराराम धायल ने कहा कि उद्यान में वृक्षों के साथ साथ वन्य जीवों की भी सेवा की जा रही है। गंगाराम पूनिया ने कहा पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्नोई समाज एकजुट है। इस दौरान बीरबलराम पूनिया ने भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर संघर्ष करने की बात कही। कार्यक्रम को सोनाराम पंवार, मोहनाल साहू, प्रकाश सियाग, सदराम एडवोकेट तथा सिवाड़ा सरपंच दुर्गाराम बेनीवाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर धमाणा सरपंच मोहनलाल, उद्यान के अध्यक्ष सुजाराम पंवार, रामकिशन गुरू, बाबूलाल विश्नोई, जालाराम पंवार, किशनाराम गोदारा, भगवानाराम साहू, धर्माराम, पूनमचंद पंवार, किशनलाल बेनीवाल, कोजाराम विश्नोई, ऊदाराम पंवार, प्रदीप मांजू, सोहनलाल जाणी जाखल, मुकनाराम विश्नोई, बिरलराम चौरा, बाबूलाल गोदारा तथा प्रतापपुरा सरपंच गौरव सारण सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
पर्यावरणशुद्धि यज्ञ में दी आहुति: स्वामीरामानंद आचार्य द्वारा गुरूवार अल सवेरे 120 शब्दों की वाणी से पाहल बना यज्ञ का आयोजन किया। जिसमें महिला पुरुषों ने घी खोपरों के साथ घी की आहूति दी। इस दौरान लोगो ने पेड़ों की रक्षा का संकल्प दोहराया। इस अवसर पर गणपतलाल लटियाल की ओर से भजन संध्या का भी आयोजन किया गया।
पर्यावरण बचाने का लिया संकल्प
पर्यावरणसम्मेलन में भाग लेने आए लोगो ने प्रशासन पर राजनीतिक दबाव से कार्य करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पेड़ों को काटना प्रशासन की छोटी मानसिकता हैं। उन्होंने इस कार्य के लिए बिश्नोई समाज की ओर से कुर्बानी देने की भी चेतावनी देते हुए खेजड़ली के इतिहास को दोहराने की बात कही। इस अवसर पर समाज ने एकता का संकल्प लेते हुए उद्यान से निकलने वाली स्वीकृत सड़क को निरस्त करने की मांग की। इस दौरान सम्मेलन में प्रस्ताव पारित कर आगामी दशहरे पर उद्यान में तीन सौ पौधे लगाने का निर्णय लिया गया। वहीं वन्य जीव हिरणों के लिए भी प्रशासन से रेस्क्यू सेंटर खोलने की मांग की गई।
सांचौर. अमृतादेवी उद्यान धमाणा में पर्यावरण सम्मेलन को संबोधित करते वक्ता।
एक टिप्पणी भेजें