
सांचौर विधायक सुखराम विश्नोई ने कहा कि विश्नोई समाज में गाय का पालन और पंचगव्य के प्रयोग से ही सभी सामाजिक कुप्रथाओं एवं नशा-व्यसन से मुक्ति संभव है। सत राजेन्द्रदास ने बताया कि पूरा संसार गाय के महत्व, उपयोगिता एवं आवश्यकता को समझने लगा है। हमारा सौभाग्य है कि हम प्रारंभ से ही गोपालक रहे हैं।
सम्मेलन में समाज के मुकाम पीठाधीश्वर रामानंद जी महाराज , जांभा महंत रतीराम महाराज ,पुर महंत चेतनदासजी महाराज,हरिद्वार विश्नोई आश्रम के राजेंद्रदासजी महाराज, करावड़ी महंत, विश्नोई महासभा के महासचिव विनोद ढारणिया, पूर्व महासचिव रामसिंह पंवार, अखिल भारतीय विश्नोई समाज जालोर जिलाध्यक्ष सुरजनराम विश्नोई, सोहनलाल जाणी जाखल, रामावतार मांजू, दाता सरपंच ईशराराम मांजू, प्रकाश मांजू, देवेंद्र बुडिया, मालाराम लोल, बलदेव पंवार ,शाहिद शैतानसिंह गोशाला भोजासर के सचिव देवाराम मेहला, भाखराराम विश्नोई दाता ,जगदीश गोदारा, रामगोपाल धायल, सुरेश कुमार सियाग, कि शनाराम सांकड़, भंवरलाल विश्नोई पुर, चुन्नीलाल, गौरव विश्रोई तथा पूनमाराम,पांचाराम सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे।
ग्रोग्रास किया भेंट पूनम राजपुरोहित ने बताया कि विश्रोई समाज के गोभक्तों ने प्रत्यक्ष गोग्रास भेंट किया। बड़ी संख्या में गोव्रत तथा गोपालन का संकल्प लिया अनेक गोभक्तों ने अप्रैल, 2016 में होने जा रह गोकृपा महोत्सव में यजमान के रूप में सहयोग की घोषणा की। कार्यक्रम के दौरान विश्नोई समाज की ओर से विभिन्न स्थलों पर 100 गोसंवर्धन शालाओं एवं 10 गो-चिकित्सालयों की स्थापना सहित 1100 गो माताएं गोशाला में दत्तक लेने का संकल्प लिया। गोकृपा महोत्सव में 100 मनोरथी विश्नोई समाज से तैयार करने की घोषणा की गई।
हजारों विश्नोई समाज के गोभक्तों पहुंचे नंदगांव विश्रोई समाज के पुण्यवर्धन एवं सम्मेलन में गोमाता के पूजन के साथ तिलक लगा स्वागत किया गया। भोजन प्रसादी के बाद पुण्यवर्धन गोसेवा सभा का शुभारंभ हुआ। सम्मेलन में महाप्रसादी के बिल्डर्स ठेकेदार लाभूराम सारण की ओर से भोजन व्यवस्था, अखिल भारतीय विश्नोई समाज के जालोर जिलाध्यक्ष सुरजनराम विश्नोई ने आयोजन की सभी व्यवस्थाओं को संभाला।
एक टिप्पणी भेजें