हिसार। 7 अक्टूबर हरियाणा के पूर्व सीएम रहे दिवंगत भजन लाल का जन्म 6 अक्टूबर । इस मौके पर बिश्नोई समाचार आपको बताने जा रहा है उनके बारे में।
भजनलाल का जन्म पंजाब के बहावलपुर (अब पाकिस्तान में) जिले में कोरनवली कस्बे में विश्नोई परिवार में हुआ था। इन्होंने ब्लॉक समिति के चेयरमैन से लेकर एमएलए, सांसद, केंद्रीय मंत्री व सीएम की पोस्ट हासिल की।
पंचायत से की राजनीतिक पारी की शुरूआत
भजनलाल ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरूआत आदमपुर ग्राम पंचायत में एक पंच के रूप किया था और बाद में उसी पंचायत में सरपंच बने। अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति और समर्पण की बदौलत वह दो दशक तक हरियाणा की राजनीति में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाते रहे। भजनलाल दो बार हरियाणा के सीएम बने। पहली बार 28 जून 1979 से 5 जुलाई 1985 तक और दूसरी बार 23 जुलाई 1991 से 11 मई 1996 तक।
बंसीलाल की सरकार में भी निभाई संकटमोचक की भूमिका
1968 में बंसीलाल सरकार में भजनलाल शामिल हुए और लंबे समय तक उनके संकट मोचक बने रहे। 1972 के विधानसभा चुनाव के बाद वह राज्य के सीएम पोस्ट के प्रमुख दावेदार के रूप में आगे आए। बाद में 1975 के दौरान उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया, हालांकि अपनी जोड़तोड़ की कला की बदौलत वह 1979 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और बाद में 1980 में पूरे जनता पार्टी विधायक दल का कांग्रेस आई में दलबदल करा दिया। भजनलाल केंद्र में कांग्रेस नीत सरकार में कई पदों पर भी योगदान दिया। राजीव गांधी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में भी उन्होंने कृषि, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के कामकाज संभाले।
राजनीति के चाणक्य कहे जाते थे भजनलाल
गैर जाट समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले भजनलाल काफी समय तक हरियाणा की राजनीति के केंद्र में रहे। इन्हें राजनीति के चाणक्य और दलबदल के ‘इंजीनियर’ के नाम से भी जाना जाता था। भजनलाल अंतिम दिनों में बनाई अपनी पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस के सदस्यों को दल बदलने से नहीं रोक सके।
2008 में कांग्रेस ने पार्टी से किया निलंबित
साल 2008 में कांग्रेस ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए भजनलाल को पार्टी से निकाल दिया। 2009 का लोकसभा चुनाव भजनलाल के राजनीतिक सफर का एक अहम पड़ाव था जहां उन्होंने प्रदेश के दो प्रमुख नेताओं संपत सिंह और जयप्रकाश को मात दिया।
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