मुकाम मेले में सोमवार श्रद्धालुओं ने जांभोजी की समाधि पर धोक लगाकर हवन में घी खोपरों की आहुतियां दी। इस अवसर पर शब्दवाणी का वाचन कर श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार के साथ पाहल ग्रहण कर अज्ञानतावश हुए पापों का प्रायश्चित किया तथा बिश्नोई धर्म के 29 नियमों का दृढ़ता से पालन करने का संकल्प लिया। मेला परिसर में चैनार की मिट्टी के बर्तन, कृषि उपकरण, प्लास्टिक धातु के बर्तन, सौंदर्य प्रधान, मनिहारी, मिठाई, लाल मिर्च, बीकानेर के रसगुल्ले, भुजिया आदि सामग्री के बाजार लगे हुए है। श्रद्धालुओं ने धार्मिक सीसी कैसेट, गीताप्रेस की पुस्तकें, जांभाणी कैलेंडर सहित अन्य दुकानों पर जमकर खरीदारी की। अखिल भारतीय जम्भेश्वर सेवकदल महासभा के कार्यकर्ता व्यवस्थाओं में लगे रहे। मेला स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल के जवान भी उपस्थित थे। यहां से दो किमी दूर समराथल धोरे पर भी दिनभर चहल पहल रही। श्रद्धालुओं ने तालाब से मिट्टी निकाली गोशाला में दान-पुण्य किया। लालासर साथरी, पीपासर आदि स्थानों पर मेला लगा तथा आसपास के गांवों में अमावस्या पर लोगों ने दान-पुण्य किया।
मुकाम मेले में लगी श्रद्धालुओं की भीड।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का त्याग कर नशा मुक्त जीवन जीएं। यह विचार अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई ने आसोज माह के मेले में आयोजित बिश्नोई समाज के खुले अधिवेशन में व्यक्त किए। उन्होंनें कहा कि जांभोजी महाराज द्वारा बनाए गए 29 नियमों की पालना करने से व्यक्ति का जीवन सुधर सकता है। पर्यावरण जीव रक्षा के लिए विश्व में यही समाज है जो अपनी जान की बाजी लगा देता है। अधिवेशन में बिश्नोई महासभा अध्यक्ष हीरालाल भंवाल ने गुरु महाराज द्वारा बताए गए नियमों का पालन करने का आह्वान करते हुए कहा कि समाज के युवाओं के युवाओं को आगे आकर समाज में फैल रही बुराइयां मिटानी होगी तथा समाज को शिक्षित बनाने में अपना योगदान देना होगा। मुकाम पीठाधीश्वर श्री रामानंद महाराज ने भगवान जम्भेश्वर द्वारा स्थापित जीव दया, जीव रक्षा, नशा त्यागने का आह्वान किया। अधिवेशन में पब्बाराम बिश्नोई, हीरालाल सांचोर, रामस्वरूप धारणिया, पशुक्रूरता निवारण समिति के अध्यक्ष मांगीलाल बिश्नोई, हनुमान दिलोइया सहित बिश्नोई समाज के गणमान्य लोग तथा महासभा के पदाधिकारी उपस्थित थे।
मुकाम मेले में लगी श्रद्धालुओं की भीड।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का त्याग कर नशा मुक्त जीवन जीएं। यह विचार अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई ने आसोज माह के मेले में आयोजित बिश्नोई समाज के खुले अधिवेशन में व्यक्त किए। उन्होंनें कहा कि जांभोजी महाराज द्वारा बनाए गए 29 नियमों की पालना करने से व्यक्ति का जीवन सुधर सकता है। पर्यावरण जीव रक्षा के लिए विश्व में यही समाज है जो अपनी जान की बाजी लगा देता है। अधिवेशन में बिश्नोई महासभा अध्यक्ष हीरालाल भंवाल ने गुरु महाराज द्वारा बताए गए नियमों का पालन करने का आह्वान करते हुए कहा कि समाज के युवाओं के युवाओं को आगे आकर समाज में फैल रही बुराइयां मिटानी होगी तथा समाज को शिक्षित बनाने में अपना योगदान देना होगा। मुकाम पीठाधीश्वर श्री रामानंद महाराज ने भगवान जम्भेश्वर द्वारा स्थापित जीव दया, जीव रक्षा, नशा त्यागने का आह्वान किया। अधिवेशन में पब्बाराम बिश्नोई, हीरालाल सांचोर, रामस्वरूप धारणिया, पशुक्रूरता निवारण समिति के अध्यक्ष मांगीलाल बिश्नोई, हनुमान दिलोइया सहित बिश्नोई समाज के गणमान्य लोग तथा महासभा के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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