नशे से शरीर का नाश होता है - आचार्य सुदेवानंद

बाङमेर फूलण श्रवण बैनिवाल  नशे से सहत, परिवार, समाज वह राष्ट्र के साथ -साथ शरीर का नाश होता हैं नशे वह गलत कामों से कोसों दुर रहे हैं ओर पैसे कमाने के लिए जीव हिंसा का काम छोङकर के अपने अच्छे कारोबार में लग जाये यह बात फूलण मंदिर में चल रही जम्भवाणी भागीरथी कथा के छठे दिन भक्तो को कहीं।
उन्होंने कहा कि समाज को आर्थिक रूप से सक्षम बताते हुए ओर धनाजर्न दुसरे अच्छे काम-धन्धे शुरु करने कि बात की। आचार्य ने कहा कि बच्चो को शिक्षा दिलाकर संस्कारित बनाये इसी में समाज कि तरक्की ओर राष्ट्र की ख्याति संभव हैं।
अमावस्या के पर्व के उपल्क्ष में भक्ति संध्या का आयोजन हुआ। संत मंडली के ओर से एक से बढ़कर एक प्रसुति दी जिससे पुरा पाडाल भक्तिमय हो गया।

Post a Comment

और नया पुराने