धोरीमन्ना निकटवर्ती राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, सोनड़ी में बुधवार को प्रार्थना सभा में विद्यार्थी के गुण एवं अनुशासन पर व्याख्यान देते हुए आचार्य डाॅ. गोवर्धनराम शिक्षा शास्त्री ने विद्यार्थी के गुणों की जानकारी देते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन में कौए जैसी चेष्टा, बुगले जैसा ध्यान, कुते जैसी नींद, अल्पहारी तथा गृहत्यागी पांच अति महत्वपूर्ण नियम बताए। विद्यार्थी जीवन में गुरू का अग्रणी स्थान बताते हुए गुरू द्रोणाचार्य का वृतांत देकर गुरूकृपा की महता बताई। विद्यार्थी जीवन में गुरू के प्रति श्रद्धा से सब कुछ हासिल कर सकते हो। उन्होंने विद्यार्थियों को थ्री एम से दूर रहने की सलाह दी। जिसमें मोबाईल, मोटरसाईकिल तथा मनी(रूपये) से दूर रह कर एकाग्रचित भाव से विद्या अध्ययन करने का आवाहन किया। अनुशासन चरित्र निर्माण संबधी नैतिक शिक्षा की सीख दी।
आचार्य ने प्रतिस्पर्धा बनाकर अध्ययन को निरन्तर कर आगे बढने की ललक रखने के लिए उत्साहित किया साथ ही विद्यालय साफ स्वस्छ रखने, नियमित विद्यालय आने, गुरू आज्ञा मानने आदि सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की।
विद्यालय पंहूचने पर विद्यालय परिवार द्वारा प्रधानाचार्य भारमलराम खिलेरी, व्याख्याता सुखराम खिलेरी, व्याख्याता रतनलाल कड़वासरा, प्रेमाराम बोला, संतकुमार, महेन्द्र कुमार, महेश कुमार, मोहनलाल खिलेरी, बाबूलाल ढाका, रजीराम जयपाल, रामनारायण मांजू, इमरती, पूनमाराम खिलेरी सहित सभी विद्यालय परिवार द्वारा माला एवं श्रीफल देकर स्वागत किया।
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