माता पिता के चरणों में चारो धाम:आचार्य

भीनमाल @श्याम खिलेरी
गुरू जम्भेश्वर मंन्दिर सेवड़ी में स्वामी भागीरथदासजी आचार्य के सानिध्य में चल रही सात दिवशीय श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन बुधवार को कथा वाचन आचार्य सुदेवानन्द महाराज ने प्रवचन में कहा सभी सुख एवं शांति चाहते हैं, हम द्वेष, दौर्मनस्य, क्रोध, भय, ईष्र्या आदि के कारण दुखी होते हैं। लोग भक्ति करने दूर-दूर तक का सफर करते हैं. कोई मंदिर जाता है, तो कोई कहीं जाता है, घर-आंगन में ही ईश्वर विराजमान हैं. माता-पिता ही तो धरती के भगवान हैं. रोज सवेरे उठ कर माता-पिता के चरण स्पर्श करें, उनकी सेवा करें, उनके आदेश का पालन करें, उनकी बात को न टालें, तो इसी में ईश्वर की आराधना पूरी हो जाती है. मनुष्य अपने जीवन में चाहे लाख तरक्की कर ले, चाहे अरबों की संपति अजिर्त कर ले, लेकिन जब उनके माता-पिता खुश नहीं हैं, तो सब व्यर्थ है. जिस माँ ने नौ महीने अपने गर्भ में पाला है आज वो दर -दर की ठोकरे खा रही है .. वेदों में कहा गया है की पिता धर्म है ,पिता स्वर्ग है तथा पिता ही तप है ,आज भारतीय युवाओं के पास अपने बुजुर्गों के लिए समय नहीं है जबकि भारतीय समाज में माता-पिता की सेवा को समस्त धर्मों का सार है समस्त धर्मों में पुण्यतम् कर्म माता-पिता की सेवा ही है पाँच महायज्ञों में भी माता -पिता की सेवा को सबसे अधिक महत्व प्रदान किया है। स्वामी भागीरथदास आचार्य ने प्रत्येक विश्रोई को घर में एक गाय रखनें को कहा ओर आचार्य ने बिश्रोई समाज के लोगों को घर पर रोजाना १२० शबदों का पाठ करने व छोटे बच्चों को विश्रोई धर्म,२९ नियमों व बड़ों से आदर करने कें संस्कार देने की बात कई आचार्य ने शबद ७ ओहम हिदू होय कै हरी कयूँ ना जंप्यों।कांय दहदिश दिल पसरायों। मतलब जिस मानव नें हिन्दु के घर में जन्म लिया ओर हरी का भजन नही किया उस मानव नें जीवन का विनाश कर दीया हरी के भजनों से ही ३३ करौड़ जिया जुणी से पार हो सकते है अन्यथा नही जो मानव हरी के भजन नही करता वों इस माया रूपी संसार में भिन्न भिन्न प्राणीयों में जन्म लेगा ओर भटकता रहेगा कभी इस संसार के मुकती नही पा सकेगा।
मौके पर संगीतकार स्वामी राजेन्द्रानन्द व आसुराम,सिहोल एण्ड पार्टी ने म्हारा सदगुरू जाभाजी म्हारा विष्णु जाभाजी.......मालिक राजी चाहीयें चाहें जगत रूट जाये सारा.........सहीत कई भजन सुनाऐ इस मौके भुवनप्रकाश,स्वामी रामेश्वर दास जोधपुर,गजानन्द महाराज,स्वामी रघुवरदयाल आचार्य सहित बड़ी संख्या में विश्रोई समाज के लोगो ने भागव कथा सुनने पहुचें ।

Post a Comment

और नया पुराने