@बिश्नोई समाचार हरियाणा राज्य के फतहबाद जिले के धागंङ गाँव से निकलकर मुम्बई जैसे शहर में फिल्म जगत में पेर रखने वाले ईस युवा का हमेशा कुछ नया करने का जज्बा रहता है । पिताजी हरियाणा पुलिस
में ASI पद पर कार्यरत है और पिताजी की उस कमाई से फिल्म जगत में पेर रखना इस व्यक्ति के लिए सम्भव भी नही था । लेकिन सपने पुरे करने के लिए परिस्थितियों से हारना इस युवा ने कभी सिखा भी नही । BBA की पढाई पुरी करने के बाद मुम्बई जैसे
शहर में कदम रखा और टीवी सिरयल में काम करना शुरु किया जिसमे पवित्र रिस्ता ,सपने सुहाने लडकपन पन के ,काली एक पुनर अवतार जैसे सिरयल में काम किया। वही से दिमाक में एक विचार आया कि क्यो न अपने धर्म परवर्तक श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान व बिश्नोई धर्म प्रचार के लिए कुछ फिल्म जगत में भी
प्रयास किया जाये। और वही से शुरूआत की और स्वामी आचार्य भागीरथ दास जी के आशीर्वाद से काम करना शुरु किया । आर्थिक परिस्थितियों से लङते हुऐ अपने दोस्त व परिवार के सहयोग से यह काम समय पर पुरा किया और जय जम्भेश्वराय नमः फिल्म समाज तक पहुचाई जो हमारे समाज के धर्म पर बनने वाली प्रथम फिल्म भी थी । जिसके लेखक व
डारेक्टर वो खुद है। प्रथम प्रयास व समाज के कम सहयोग से उन्हे आर्थिक रुप से हानी भी उठानी पङी लेकिन हार मानना ईनके
जहन में नही है । श्री रविन्द्र का ख्वाब समाज को हमेशा आगे बढाना है जिसके लिए वो आगे भी प्रयास करते रहेगे । इस युवा का यह प्रयास व नई सोच हमारे लिए प्रेरणा है ।।
में ASI पद पर कार्यरत है और पिताजी की उस कमाई से फिल्म जगत में पेर रखना इस व्यक्ति के लिए सम्भव भी नही था । लेकिन सपने पुरे करने के लिए परिस्थितियों से हारना इस युवा ने कभी सिखा भी नही । BBA की पढाई पुरी करने के बाद मुम्बई जैसे
शहर में कदम रखा और टीवी सिरयल में काम करना शुरु किया जिसमे पवित्र रिस्ता ,सपने सुहाने लडकपन पन के ,काली एक पुनर अवतार जैसे सिरयल में काम किया। वही से दिमाक में एक विचार आया कि क्यो न अपने धर्म परवर्तक श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान व बिश्नोई धर्म प्रचार के लिए कुछ फिल्म जगत में भी
प्रयास किया जाये। और वही से शुरूआत की और स्वामी आचार्य भागीरथ दास जी के आशीर्वाद से काम करना शुरु किया । आर्थिक परिस्थितियों से लङते हुऐ अपने दोस्त व परिवार के सहयोग से यह काम समय पर पुरा किया और जय जम्भेश्वराय नमः फिल्म समाज तक पहुचाई जो हमारे समाज के धर्म पर बनने वाली प्रथम फिल्म भी थी । जिसके लेखक व
डारेक्टर वो खुद है। प्रथम प्रयास व समाज के कम सहयोग से उन्हे आर्थिक रुप से हानी भी उठानी पङी लेकिन हार मानना ईनके
जहन में नही है । श्री रविन्द्र का ख्वाब समाज को हमेशा आगे बढाना है जिसके लिए वो आगे भी प्रयास करते रहेगे । इस युवा का यह प्रयास व नई सोच हमारे लिए प्रेरणा है ।।
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