विशाल शोभायात्रा के साथ जाम्भाणी हरिकथा शुरू

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7 सितम्बर। धोरीमन्ना निकटवर्ती गुरू जम्भेश्वर मन्दिर विष्णुधाम सोनड़ी में सात दिवसीय विराट जाम्भाणी हरिकथा सोमवार को विशाल शोभायात्रा के साथ शुरू हुई शोभायात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान जम्भेश्वर की जय जयकार से पूरा क्षेत्र भक्तिमय बन गया।
जम्भेश्वर मेला प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष हरिराम ने बताया कि शोभायात्रा गुरू जम्भेश्वर मन्दिर से प्रारम्भ होकर सती दादी मन्दिर, रोहिला, केकड़ राम मन्दिर, खिचड़ो कीढाणी, विष्णु नगरी, शिवजी मन्दिर, बाबा रामदेवजी मन्दिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, जी.एस.एस., जम्भेश्वर विद्या मन्दिर, जूना कुॅंआ, से होते हुये श्री जम्भेश्वर मन्दिर में 176 वर्षों से प्रज्वलित अखण्ड ज्योति के दर्शन करने के बाद कथा स्थल सन्त विल्होजी मंच पर पंहुचने पर विश्नोई समाज सेवा समिति ने सभी संतो का स्वागत सत्कार किया।
मंहन्त स्वामी हरिदास जी महाराज के सानिध्य में सात दिवसीय जाम्भाणी हरिकथा के प्रथम दिवस कथावाचक आचार्य डाॅ. गोरधनराम शिक्षा शास्त्री ने कहा कि भगवन जाम्भोजी ने कहा था कि हर समय विष्णु नाम स्मरण करते हुए सांसारिक कार्य करो और सब कर्मों को भगवन विष्णु को अपर्ण करके करो। इससे कर्म-बंधन नहीं होगा। ऐसा करने से जीवन-मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। गीता के वचन भी ऐसे ही हैं। नाम-महिमा गान से तो हमारे पुराण-ग्रंथ ओत प्रोत हैं। इसलिए कहा जाता है कि नाम-स्मरण किसी भी प्रकार, किसी भी स्थिति में, किसी भी समय और कही भी किया जाए तो व्यर्थ नहीं जाता। इसलिए जो लोग इस संसार-बंधन से मुक्त होना चाहते हैं, उनके लिए भगवान के नाम से बढ़कर और कोई साधना नहीं है।
कथा में केकड़ रामद्वारा मन्दिर के रामस्नेही संत सीताराम शास्त्री ने कहा कि विश्नोई समाज को पर्यावरण एवं जीव रक्षा में विश्व का मार्गदर्शक कहा जाये तो भी कोई अतिशोक्ति नहीं होगी। आज पर्यावरण के क्षेत्र में विश्नोई समाज के 363 शहीदों को में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
कथा में स्वामी रामानन्द महाराज, रामचन्द्र देवड़ा, हरिराम खिलेरी, पेमाराम मांजू, भारमल खिलेरी, सुखराम सहित हजारों श्रद्धालू उपस्थित थे।
शोभायात्रा का केकड़ में भव्य स्वागत
जाम्भाणी हरिकथा की शोभायात्रा का केकड़ गांव में श्रीकृष्ण मन्दिर रामद्वारा केकड़ के महन्त संत सीताराम शास्त्री ने सभी संतों एवं भक्त को जलपान करवाकर एवं प्रसाद देकर स्वागत किया। तथा संतों के रामद्वारा में पहली बार आगमन पर खुशी प्रकट करते हुए कहा कि आज हमारा भाग्य है की हमें इस विशाल शोभायात्रा का स्वागत एवं दर्शन करने का अवसर मिला।

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