
ग्राम श्री बालाजी के मूल निवासी और नागौर जिला मुख्यालय को कर्म भूमि बनाकर कार्य करने वाले युवा पत्रकार रामप्रसाद बिश्नोई (टाईगर आर पी) का गत 14 अगस्त 2015 को प्रातः 4 बजे नींद में सोते समय ही स्वर्गवास हो गया। नागौर के पत्रकार जगत के उगते हुए सूर्य का असामयिक निधन अपूरणीय क्षति है।
ज्ञातव्य है कि रामप्रसाद का जन्म वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार रामरतन बिश्नोई के घर 12 जनवरी 1994 को विवेकानंद जयंती के दिन हुआ था।
इस विवेकशील युवक ने प्राथमिक शिक्षा के साथ ही पिता के काम में हाथ बंटाना शुरू कर दिया था। नौ वर्ष की आयु में ही कम्प्यूटर पर डेस्कटाॅप पब्लिशिंग का कार्य शुरू कर ग्यारह वर्ष की उम्र तक पूर्ण दक्षता हासिल कर ली थी। अपने निजी प्रिंटिंग प्रेस एवं दैनिक समाचार पत्र का संचालन करने के साथ साथ सीनियर सैकण्डरी तक नियमित एवं काॅलेज शिक्षा स्वयंपाठी छात्र के रूप में ग्रहण की । इस वर्ष बी ए अंतिम वर्ष में अध्ययनरत था।
अंतिम दिन देर रात तक किया काम
विशेष उल्लेखनीय है कि सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत पर उसकी दिनचर्या आधारित थी। गत 13 अगस्त 2015 को रात्रि में एक बजे तक कम्प्यूटर पर काम कर रहा था। एक समाचार पत्र का स्वतंत्रता दिवस विशेषांक तैयार कर रहा था। रात्रि में सवा एक बजे काम छोड़कर अपने पिता के साथ घर गया था। हमेशा की तरह अपने शयनकक्ष में आराम से सोया। प्रातः लगभग 4 बजे नींद में ही हृदयगति रूक गई और वह चिरनिद्रा में सो गया। आश्चर्य की बात है कि वह आजीवन हष्ट पुष्ट एवं स्वस्थ रहा। इक्कीस वर्ष सात माह का यह हट्टा कट्टा जवान नींद में ही चल बसा। पत्रकार जगत के उगते हुए सूर्य एवं साहित्य जगत के पटल पर उभरते हुए सितारे का निधन सबके लिए अपूरणीय क्षति है।
कम्प्यूटर चलाने में दक्षता-
नौ वर्ष की अल्पायु में कम्प्यूटर चलाने का प्रयास शुरू किया और ग्यारह वर्ष की आयु में पूर्ण दक्षता हासिल कर ली थी। मुद्रण कार्यों के क्षेत्र में उपयोगी डेस्कटाॅप पब्लिशिंग के सभी साॅफ्टवेयर पेजमेकर, काॅरल, एक्सल, फोटोशाॅप, इनडिजाईन, वर्ड आदि में महारत हासिल थी। सोशल नेटवर्किंग साईट्स के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान करने में विशेष रूचि थी।
विस्तृत जन सम्पर्क-
विभिन्न वेबसाईट,ब्लाॅग,फेसबुक पेज, वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से लगभग बीस हजार लोगों से जुड़ाव था। अलग अलग पेज्ेज पर अस्सी हजार से अधिक फाॅलोअर तैयार कर लिए थे। हजारो दोस्तों से प्रतिदिन गुड माॅर्निंग, गुड ईवनिंग एवं गुड नाईट के मैसेज्ेज से जुड़ाव रखता था। मल्टीकलर मुद्रण की सेटिंग, पेज मेकिंग, डिजाईनिंग कर समाचार पत्र पत्रिकाएं बनाना, पेम्पलेट पोस्टर बनाना, मेटर फीडिंग की स्पीड बेहद तेज थी। उसकी अंगुलिया मशीन की तरह की बोर्ड पर नृत्य करती थी। आंखे बंद करके अंधाधुंध टाईपिंग करता थ। जिसे देखकर हर कोई दांतो तले अंगुलिया दबाये बिना नहीं रह सकता था। इस प्रकार 12 वर्ष की आयु में नागौर का सबसे छोटा दक्ष कम्प्यूटर आॅपरेटर होने का सम्मान प्रमाण पत्र के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्राप्त किया था।
पत्रकारिता
नागौर जिला मुख्यालय से प्रतिदिन प्रकाशित होने वाले स्थानीय दैनिक समाचार पत्र दैनिक नागौर की आवाज के प्रभारी सम्पादक पद पर लगातार आठ वर्ष तक सेवाएं दी। जो आजीवन जारी रही। इसके साथ ही गत पांच वर्षों से बिश्नोई समाज की मासिक पत्रिका बिश्नोई संदेश के प्रबंध सम्पादक की भूमिका भी बखूबी निभाई। अपने पिता की प्रेरणा से शुरू की गई पत्रकार जगत की सेवा में जिले का सबसे छोटा पत्रकार होने का गौरव भी प्राप्त किया। स्वर्गीय रामप्रसाद ने गत दो वर्षों से नागौर जिला पत्रकार संघ रजिस्टर्ड के जिला प्रचार मंत्री के पद पर रहकर भी उल्लेखनीय सेवाएं दी। संघ के कार्यालय की भूमि की चारदीवारी बनवाने में आर्थिक सहयोग देने के साथ ही शारीरिक श्रम किया। संघ की साधारण सभा एवं जिला सम्मेलन का आयोजन गत 27 जुलाई 2014 रविवार को करवाया गया जिसमें रामप्रसाद ने व्यवस्थाओं में तो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साथ ही संघ की स्मारिका के लेखन एवं मुद्रण का कार्य जोरदार तरीके से किया था। संघ के सदस्यों के परिचय पत्र बनाकर जारी करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका उनकी ही थी। अपने समाचार पत्र को प्रकाशित करने के साथ ही बड़े दैनिक समाचार पत्रों तथा टीवी चैनलों के संचालकों एवं मालिकांे से भी सीधा सम्बन्ध रखते थे। श्री बिश्नोई द्वारा प्रेषित समाचार दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति, गंगानगर से प्रकाशित दैनिक सीमा संदेश, सीकर से प्रकाशित दैनिक उद्योग आसपास, अजमेर से प्रकाशित हुकमनामा, बीकानेर से प्रकाशित दैनिक युगपक्ष एवं जोधपुर से प्रकाशित राजस्थान खोज खबर में भी प्रकाशित होते थे। इलेक्ट्राॅनिक मीडिया, ई टीवी राजस्थान, आज तक, टीवी 99, जी मरूधरा तथा बीबीसी लंदन के हिन्दी समाचारों में भी उनके द्वारा प्रेषित समाचार प्रसारित होते रहे हैं।
लेखन कार्य
पत्रकारिता के साथ ही साहित्य प्रचार की दृष्टि से भी इस युवा लेखक ने छोटी उम्र में ही लेखन कार्य शुरू कर दिया था। उनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण, वन्य जीव संरक्षण, नशा मुक्ति, बिश्नोई धर्म प्रचार तथा प्रेरणा दायक प्रसंगों से सम्बंधित लेख हिसार से प्रकाशित बिश्नोई समाज की लब्ध प्रतिष्ठित मासिक हिन्दी पत्रिका अमर ज्योति में प्रकाशित होते रहते थे। इसके साथ ही मासिक जम्भ ज्योति, जम्भादेश तथा बिश्नोई संदेश में उनके लेख छपते थे। पाक्षिक समाचार पत्र महेश ज्योति, मारवाड़ की पुकार, राजस्थान पंचायत राज दर्शन, राजस्थान पंचायतीराज पत्रिका, राजस्थान का दर्पण, नागौर की पत्रिका, कलम का राज, दी ललित पत्रिका, मरूधर म्हारो देश, व्यक्ति और समाज, नागौर दृष्टि, नागीणा एक्सप्रेस तथा दैनिक नागौर की आवाज में भी उनके अनेक विषयों पर विभिन्न लेख प्रकाशित हुए हैं। कई संस्थाओं द्वारा प्रकाशित स्मारिकाओं तथा स्थानीय लेखकों द्वारा संग्रहित पुस्तकों में भी इनके लेख प्रकाशित हुए हैं। इस प्रकार रामप्रसाद बिश्नोई ने पत्रकारिता के अल्प काल में ही अपनी कलम की करामात दुनिया के सामने सटीक तरीके से प्रस्तुत की जो अविस्मरणीय रहेगी। विभिन्न प्रकाशकों की पुस्तकों के सम्पादकीय में भी श्री बिश्नोई की उल्लेखनीय सेवाएं बताकर उनका आभार ज्ञापित किया गया है। जो साहित्य जगत में अपनी अमिट छाप लिए हुए है।
पर्यावरण एवं जीव रक्षा
स्वर्गीय बिश्नोई ने अपने धर्म से मिले संस्कारों को जबरदस्त पोषित किया। गत चार वर्षों से श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था (रजि.) राजस्थान के प्रदेश मीडिया मंत्री पद पर रह कर उल्लेखनीय सेवाएं दी। पर्यावरण संरक्षण एवं जीव रक्षा की प्रेरणा देने वाले अनेक लेख एवं असंख्य समाचार प्रकाशित कर लोगों को जबर्दस्त प्रेरणा दी। राजस्थान स्तर की संस्था से जुड़कर प्रदेश के सभी जिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ी। शिकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु प्रेरणादायी सामग्री को जन जन तक पहुंचाकर पर्यावरण संरक्षण एवं जीव रक्षा का अनूठा कार्य किया। संस्था के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों के दिलों में इस प्रकार बस गए कि उनकी सेवाएं कभी भुलाई नहीं जा सकती। संस्था द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित स्मारिकाओं में भी आपने अनूठा संग्रह कर जन जन को प्रेरणा दी है। जो समाज के साहित्य मंे सदैव इतिहास बन कर प्रेरणा देती रहेगी।
व्यवसाय
स्वर्गीय बिश्नोई ने मुद्रण कार्य से सम्बंधित व्यवसाय में अपने पिता के काम में हाथ बंटाना अल्प आयु में ही शुरू कर दिया था। कड़ी मेहनत स्वप्रेरणा एवं दक्षता के बल पर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में आजीवन निरंतर कार्य किया। जो नागौर जिले में मुद्रण सेवाओं के क्षेत्र में अविस्मरणीय रहेगा। मुद्रण कार्यों में पत्र पत्रिकाओं की डिजाईनिंग,खबरों का चयन व सुंदर सजावट के साथ ही आम ग्राहकों के कार्यो को शुद्ध एवं सुंदर तरीके से करके मुद्रण कार्यों के क्षेत्र में भी दक्षता की छाप छोड़ी। शोधग्रंथ, धार्मिक ग्रंथ तथा बड़ी पुस्तकों के मुद्रण में अपनी कला का प्रदर्शन पुस्तकों के हर पृष्ठ पर करते थे। जो हमेशा याद रखा जाएगा। प्रचार के पोस्टर, बैनर तथा पैम्पलेट डिजाईनिंग का तरीका भी निराला था।
शिक्षा
निजी व्यवसाय का संचालन,पत्रकारिता तथा साहित्य जगत की सेवा के साथ ही स्वर्गीय बिश्नोई ने निरंतर अध्ययनरत रहकर उच्च शिक्षा ग्रहण की। इस वर्ष बीए अंतिम वर्ष में अध्ययनरत थे।
समाज सेवा
सामान्य मानव सेवा के प्रति हमेशा जाग्रत, संवेदनशील और तत्पर रहते थे। पत्रकारिता के माध्यम से पीडि़तों की मदद करना उनकी आदत में शुमार था। इसके साथ ही अपने स्वयं के समाज और बिश्नोई धर्म की सेवा में उल्लेखनीय सेवाएं दी। बिश्नोई धर्म के महत्वपूर्ण सूत्र जीवरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और नशा मुक्ति के साथ ही धर्म संस्कारों का प्रचार करने में आपने खूब योगदान दिया। धर्म शास्त्रों का प्रचार करते रहे। जहां भी धार्मिक आयोजन और धर्म प्रचार की कथाएं होती थी, उनकी भावनाओं को फोटो सहित जन जन तक पहुंचाने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं और नेट के माध्यम से निरंतर प्रचार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर समाज के संतों, विद्वानों तथा समाज सेवी लोगों में अपनी अमिट छाप बनाकर सर्वत्र प्रशंसा पाई। समाज सेवा के क्षेत्र में भी उनको कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।
बाॅलीवुड फिल्म में योगदान
पर्यावरण संरक्षण एवं प्रकृति की सेवा की प्रेरणा देने वाली विश्व की एक अद्भुत घटना पर आधारित बाॅलीवुड हिन्दी फिल्म साको 363 के निर्माण में स्वर्गीय रामप्रसाद का अविस्मरणीय योगदान रहा है। फिल्म की शूटिंग के समय व्यवस्थाओं में जबर्दस्त भूमिका निभाने के साथ ही फिल्म कम्पनी के पीआरओ के रूप में प्रचार प्रसार का महत्वपूर्ण कार्य लम्बे समय तक किया। फिल्म के अभिनेतागण एवं अभिनेत्रियों के बीच भी अपने हंसमुख, मिलनसार, तुरंत निर्णय, अतिथि सेवा आदि गुणों की अमिट छाप छोड़कर सबके दिलों में ऐसा स्थान बना गए कि उक्त फिल्म से सम्बंधित सभी कलाकार उनको अपना अजीज समझ कर उनके योगदान को उल्लेखनीय, प्रशंसनीय एवं अविस्मरणीय मान रहे हैं। फिल्म की मुख्य नायिका बाॅलीवुड अभिनेत्री स्नेहा उल्लाल, उनके पति का किरदार निभाने वाले पंजाब के प्रसिद्ध अभिनेता गेवी चहल, महाराष्ट्र के नामचीन अभिनेता मिलिंद गुणाजी तथा गुजरात के वरिष्ठ कलाकार फिरोज ईरानी सहित 150 से अधिक कलाकारों के साथ व्यक्तिगत फोटो संग्रह भी किया। जो हमेशा अविस्मरणीय रहेगा। स्वर्गीय बिश्नोई ने इसके साथ ही फिल्म की कहानी में पेड़ बचाने की गुहार को लेकर राजा के पास पहुंचने वाले ग्रामीणों में एक समर्पित ग्रामीण का किरदार भी निभाया है। इसीलिए फिल्म जगत में भी उन्होनंे अपना स्थान बना लिया।
संक्षेप में कहा जा सकता है कि परमात्मा ने रामप्रसाद को अद्भुत एवं असामान्य शक्ति देकर इस दुनिया में भेजा था। जो केवल 21 वर्ष 7 माह की आयु में इंसानियत की मिसाल कायम कर के इस दुनिया को अलविदा कह गए। ऐसे होनहार दक्ष युवक के निधन से पत्रकार जगत, साहित्य जगत, व्यवसाय जगत, फिल्म जगत और मानव सेवा जगत की अपूरणीय क्षति हुई है।
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