करगिल जैसी लड़ाई लड़ने जा रहा हूं, दो-चार आतंकी मारकर ही लौटूंगा, नहीं आऊं तो कोई आंसू मत बहाना

शहीद के भाई ओमप्रकाश 
शहीद जगदीश अपनी प|ी के साथ
 खींवसर /नागौर  बिश्नोई समाचार
पिता पूसाराम विश्नोई एवं माता
नागौर जिले में एक बार फिर शहादत के अध्याय में (थांबड़िया पांचला , खींवसर) के जगदीश विश्नोई का नाम जुड़ गया। आज से 25 दिन पहले 16 अगस्त को छुट्टियां पूरी कर नागौर का यह लाल जब देश की सीमाओं की रक्षा के लिए रवाना हुआ था तो उसने अपने परिवार के लोगों को यही कहा था कि देश की सेवा के लिए लड़ता-लड़ता शहीद हो जाऊं तो कभी आंसू मत बहाना बल्कि गर्व महसूस करना। शहीद जगदीश विश्नोई के भाई ओमप्रकाश ने दैनिक भास्कर को बताया कि उनके भाई जगदीश का गुरुवार दोपहर को करीब एक बजे फोन आया था। फोन पर सैनिक जगदीश विश्नोई ने अंतिम बार परिजनों से बात की थी। वह बातचीत में पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरा हुआ था। ओमप्रकाश विश्नोई ने बताया कि भाई जगदीश ने फोन पर उनसे कहा कि सेना का आदेश आया है दुश्मनों से लड़ने के लिए जा रहा हूं। मौका मिला है तो दो-चार दुश्मनों को तो मार देंगे। सैनिक जगदीश ने यह भी कहा था कि आज रात शायद बात हो मगर शुक्रवार को वापस बात करने का वादा किया था। 



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