मोकलसर
निकटवर्ती फुलण गाँव में स्थित श्री जम्भैश्वर मदिंर मे सात दिवसिय विराट जाम्भाणी हरिकथा का सन्त श्री बलदेवान्दं शास्त्री ने जम्भैश्वर मदिंर मे दीप प्रजलन कर के आगाज किया!
सन्त श्री बलदेवान्दं शास्त्री ने पहले दिन सत्यवादी राजा हरिचन्दं और भक्त प्रहलाद के जीवन का वर्णन किया! भक्त प्रहलाद ने इस सांसरीक जीवन मे पांच करोड़ जीवो का ऊधार किया! और राजा हरिचन्दं ने सात करोड़ जीवो का ऊधार किया था! अपने सत्यवादी पथं के राजा हरिचन्दं ने अपने पुरे परिवार को बेच दिया था! भक्त प्रहलाद की भक्ती लिला को आज भी याद की जाती है!
इस अवसर पर मदिंर प्रबन्द कमेटी के अध्यक्ष हरलालजी वरड़ उपाध्यक्ष विरदारामजी बैनीवाल सचिव सुखरामजी वरड.' विरमारामजी पुनिया बिशनोई टाईगर फोर्स के ब्लाँक अध्यक्ष भिखाराम जी कांवा आदि समाज के लोग मोजुद थे !
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