"पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण जरूरी'

               सांचौर. वोढा में हरिकथा समापन समारोह मे मौजूद समाज बंधु प्रवचन देते आचार्य।

निकटवर्तीवोढा गांव में जांभाणी हरिकथा के समापन समारोह में कथावाचक आचार्य डॉ. गोवर्धनराम शिक्षा शास्त्री ने बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए अधिकाधिक संख्या में पेड़ -पौधों का संरक्षण करना होगा। आचार्य ने कहा कि आज से 500 वर्ष पहले भगवान जांभोजी ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर हरे वृक्ष नहीं काटने की सलाह दी थी जिसकी प्रेरणा से ही विश्नोई समाज के 363 लोगों ने वृक्षों के खातिर अपना शीश कटवा लिए लेकिन उसी समाज द्वारा वृक्षों को संरक्षण नही दिया जाना चिंता की बात है। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से शुभ अवसर पर एक-एक पौधा लगाकर उन्हें अपने बच्चों की तरह पालन-पोषण की नसीहत दी। आचार्य ने कहा कि यज्ञ से पर्यावरण का शुद्धिकरण होता है। ऐसे में प्रत्येक परिवार में सुबह यज्ञ का आयोजन किया जाना चाहिए। पूर्व आईजी उम्मेदाराम विश्नोई ने समाज में फैली विभिन्न प्रकार की कुरीतियों बाल विवाह, मोसर, नशा प्रवृत्ति से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने समाज के विकास के लिए बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि एक शिक्षित बालिका समाज के दो परिवारों को रोशन करती है। रामकिशन खिलेरी ने समाज विकास पर जोर देते हुए युवाओं को समाज विकास में महत्ती भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि युवा ही समाज देश के कर्णधार है। इस अवसर पर राघवाचार्य, प्राचार्य रावलाराम विश्नोई, जोधाराम जांगू, भावप्रकाश, किशनाराम डारा विरधाराम खिलेरी सहित बड़ी संख्या में समाज बंधु मौजूद रहे।

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