काले हिरण की मौत पर डबवाली में हंगामा

गांव अबूबशहर में एक खेत में लगी ब्लेड
वाली जाली में फंसकर काले हिरण की मौत
होने के बाद सोमवार को बिश्नोई समाज
सड़कों पर उतर आया। लोगों ने हिरण के शव के
साथ प्रदर्शन किया। उपमंडलाधीश सतीश
कुमार को ज्ञापन सौंपकर खेतों में
लगी कंटीली और ब्लेड
वाली जाली को हटाने की मांग की।
�इससे पहले रविवार रात को लोगों ने हिरण
की मौत के विरोध में तेजाखेड़ा रोड पर जाम
भी लगाया था। चौटाला चौकी पुलिस ने
कार्रवाई का आश्वासन देकर लोगों को शांत
करवाया। एक घंटे तक लगे जाम के कारण
लोगोंकोभारीदिक्कतोंकासामनाकरनापड़ा।
इसके बाद सोमवार सुबह बिश्नोई समाज ने
जोरदार प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की।
ये है मामला
गांव अबूबशहर निवासी राजीव कुमार, विजेंद्र
कुमार, जयनारायण, रवि कुमार, सतपाल,
वेदपाल ने बताया कि रविवार रात करीब साढ़े
सात बजे किसान रामसिंह अपने ट्रैक्टर पर घर
लौट रहा था। उसने बाइक सवार
युवकों को ब्लेड वाली जाली में फंसे हिरण
को रस्सी के बल पर निकालकर ले जाते हुए
देखा। रामसिंह ने युवकों को ललकारा। युवक
हिरण को वहीं छोड़कर फरार हो गए।
जानकारी पाकर वे मौके पर पहुंचे तब तक हिरण
की मौत हो चुकी थी। सूचना पाकर वन्य
प्राणी रक्षक परमजीत सिंह तथा देवेंद्र कुमार
भी मौके पर पहुंचे।
ग्रामीणों ने काले हिरण को मारने के
आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर
तेजाखेड़ा रोड पर करीब एक घंटा तक जाम
लगा दिया। सूचना पाकर
चौटाला चौकी पुलिस मौके पर पहुंची।
शिकायत के आधार पर कार्रवाई करने
का आश्वासन देते हुए जाम खुलवाया गया।
प्रदर्शन कर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
सोमवार सुबह बिश्नोई सभा डबवाली के
अध्यक्ष कृष्ण जादूदा, जीव
रक्षा समिति हरियाणा के प्रदेश सचिव
इंद्रजीत बिश्नोई, अमीलाल बिश्नोई, विनोद
बिश्नोई, अमरीक बिश्नोई, सुभाष बिश्नोई,
सरपंच मिट्ठू राम बिश्नोई के नेतृत्व में बिश्नोई
समाज के लोग बिश्नोई धर्मशाला में एकत्रित
हुए। हिरण की मौत के जिम्मेदार लोगों पर
कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर
दी।
हिरण के शव को साथ लेकर प्रदर्शनकारी लघु
सचिवालय में पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने
उपमंडलाधीश सतीश कुमार को ज्ञापन सौंपते
हुए कहा कि वन्य प्राणी विहार में लावारिस
कुत्तों, खेतों में लगी कंटीली/ब्लेड
की जालियों से हर रोज वन्य प्राणी घायल
हो रहे हैं या फिर मर रहे हैं।
कुत्तों की नसबंदी करवाई जाए। कंटीली/ब्लेड
की जालियां हटाई जाए। उपमंडलाधीश ने
बिश्नोई समाज को कंटीली जाली हटवाने
का आश्वासन देकर शांत करवाया।
हिरण का पोस्टमार्टम हुआ
गांव अबूबशहर के पशु अस्पताल में पशु चिकित्सक
डॉ. ज्ञान प्रकाश, डॉ. राजेंद्र कुमार
तथा डॉ. विक्रम पर आधारित तीन सदस्यीय
बोर्ड ने हिरण का पोस्टमार्टम किया। बाद में
बिश्नोई समाज के लोगों ने हिरण
को दबा दिया।
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शिकायत नहीं मिली
सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची थी।
अभी तक काले हिरण की मौत होने
संबंधी किसी ने शिकायत दर्ज नहीं करवाई है।
शिकायत आने पर मामले की जांच
की जाएगी।
- सूरजभान, कार्यकारी प्रभारी पुलिस
चौकी, चौटाला

पुराने घाव पर चोट के कारण हुई मौत
काले हिरण के पुराना घाव था। उस घाव पर
ब्लेड या कंटीली जाली लगने के कारण पुन:�
रक्त बहा। ज्यादा रक्त बहने की वजह से काले
हिरण की मौत हुई है।
- डॉ. ज्ञान प्रकाश, गंगा (पोस्टमार्टम करने
वाले बोर्ड के सदस्य)
वन्य प्राणी विहार में असुरक्षित हुए काले
हिरण
विहार में हैं 600 काले हिरण, किसान
भी मजबूर
डबवाली। वन्य प्राणी विहार में ही काले
हिरण असुरक्षित हो गए हैं। विहार में उपायुक्त
के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
काले हिरण लावारिस कुत्तों तथा खेतों के
चारों ओर लगी कंटीली/ब्लेड
वाली जालियों का शिकार हो रहे हैं।
डबवाली हलके में साल 1987 में चौ. देवीलाल
सरकार ने वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए
28572 एकड़ रकबे को वन्य प्राणी विहार
घोषित किया था।
�इसके अंतर्गत चौटाला, तेजाखेड़ा,
आसाखेड़ा, भारूखेड़ा, जंडवाला बिश्नोईया,
गंगा, गिदड़खेड़ा, सुकेराख्ेाड़ा, अबूबशहर,
लखुआना व सकताखेड़ा आदि 11
गांवों का 28572 एकड़ क्षेत्र आता है। अबूबशहर
वन्य प्राणी विहार क्षेत्र में राष्ट्रीय
पक्षी मोर, काला हिरण, काला तीतर,
लोमड़ी, गीदड़, नील गाय व कई अन्य प्रकार के
जीव जंतु तथा पक्षी हैं। इस क्षेत्र में अकेले काले
हिरणों की संख्या 600 है।
28 जुलाई को उपायुक्त ने जारी किए थे आदेश
वन्य प्राणियों को बचाने के लिए उपायुक्त
डॉ. अंशज सिंह ने 28 जुलाई 2014 को आदेश
जारी करके खेतों के चारों ओर कांटेदार तार/
ब्लेड वाली जाली पर प्रतिबंध लगाया था।
जिला उपायुक्त ने आदेशों की अवहेलना करने
पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड
संहिता की धारा 188, वन्य जीव संरक्षण
अधिनियम 1972 तथा पशु क्रूरता रोकथाम
अधिनियम 1960 के तहत दंड तय किया था।
किसान कंटीली तार लगाने को मजबूर
जो गांव वन्य प्राणी विहार के तहत आते हैं,
उनमें सरकारी भूमि न के बराबर है। अधिकतर
भूमि निजी किसानों की है। जिसमें अधिकतर
किन्नू तथा माल्टा के बाग लगे हुए हैं। वन्य
प्राणी बागों को नष्ट कर देते हैं। इनसे बचने के
लिए किसानों ने अपने बागों के चारों ओर
कंटीली या फिर ब्लेड वाली जालियां लगाई
हुई हैं।
प्रशासन उठाए कदम
वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन
को कदम उठाने चाहिए। वन्य प्राणी विहार में
ही काले हिरण लावारिस कुत्तों, खेतों के
किनारे लगी कंटीली जालियों का शिकार
हो रहे हैं। जोकि गलत है।
- इंद्रजीत बिश्नोई, प्रदेश सचिव, जीव
रक्षा समिति
सर्वे करवाकर हटाई जाएंगी जालियां
बिश्नोई समाज पर्यावरण तथा वन्य
जीवों की सुरक्षा के लिए सदैव सचेत रहा है।
वन्य प्राणी विहार क्षेत्र में सर्वे
करवाया जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद
खेतों या बागों के किनारे
लगी कंटीली या ब्लेड
वाली जालियों को हटाया जाएगा।
कुत्तों की नसबंदी करवाई जाएगी।
-सतीश कुमार, उपमंडलाधीश, डबवाली

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