काले हिरणों के लिए बनने वाले तालाब का पैसा हड़प गए सरकारी अधिकारी

काले हिरण की दुर्लभ प्रजाति के संरक्षण के
लिए तालाब बनावाने को लेकर हुई
लापरवाही पर हाईकोर्ट ने सख्त रूप
अपनाया है। संबंधित याचिका की सुनवाई
करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अजय
मानिकराव खानविलकर व जस्टिस आलोक
अराधे की पीठ ने प्रमुख सचिव राजस्व व वन
विभाग, संभागायुक्त, जिला कलेक्टर सहित
अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब
मांगा है।
इस संबंध में मंडला के किशोर दुआ ने अदालत में
याचिका दायर की थी। याचिका में
कहा गया कि डिण्डौरी जिले के
कालोपानी गांव में 500 से अधिक दुर्लभ
प्रजाति के काले हिरण है। इनके संरक्षण के लिए
सरकार ने गांव में तालाब बनाने के लिए
80,90,000 रुपए जारी किए थे। सिर्फ पांच
लाख रुपए खर्च कर दिखावे के लिए तालाब
का निर्माण करवाया गया, शेष 75,90,00 रुपए
अधिकारियों व ठेकेदार ने मिलकर बंदरबांट कर
लिया।
इस कारण से तालाब सूखा ही रहता है और
काले हिरण की दुर्लभ प्रजाति खाने-पीने के
आभाव में संरक्षण नहीं हो पा रहा है। पानी के
अभाव में काले हिरण की मौत हो रही है
या भटककर दूसरे क्षेत्र में जा रहे है। इस संबंध में
उन्होंने डिण्डौरी कलेक्टर व संभागायुक्त से
शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई
नहीं की गई।
याचिकाकर्ता ने तालाब निर्माण की जांच
करवाने और भ्रष्टाचार में लिप्त
अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ
कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने
कहा कि काले हिरण के खाने-पीने
की व्यवस्था की जाए।

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