आदमपुर मॉडल टाउन बिश्नोई मंदिर में शनिवार से जांभाणी हरिकथा का शुभारंभ हुआ। कथा में प्रवचन करते हुए हरिद्वार से पधारे आचार्य डॉ. गोवर्धन राम शिक्षा शास्त्री ने कहा कि अगर मनुष्य को अपने जीवन में कुछ पाना है तो उसके लिए पात्र बनना होगा और पात्रता बिना योग्यता के नहीं आती। इसलिए मनुष्य को अपनी योग्यता साबित करने के लिए सद्गुरु की शरण में जाना पड़ता है क्योंकि गुरु ही अपात्र को योग्य बनाकर पात्र बनाते हैं। उन्होंने कहा कि मानव जीवन के कल्याण के लिए हर प्रकार के नशों से दूर रहना चाहिए क्योंकि नशा विनाश की जड़ है। उन्होंने मानव कल्याण के लिए सत्संग की उपयोगिता बताते हुए कहा कि सत्संग में बैठने से मन को शांति मिलती है तथा प्रभु का सुमिरन हमें सांसारिक भौतिकताओं से दूर रखता है। आचार्य ने भगवान गुरु जंभेश्वर की शब्दवाणी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु जंभेश्वर भगवान ने समाज को एक नई दिशा देकर मानवहित में 29 नियम बनाए थे। इन नियमों पर चलना वाला वास्तव में सद्पुरुष है। आचार्य ने बताया कि यह कथा मंदिर प्रांगण में सात दिनों तक चलेगी तथा 13 जून को विशाल हवन यज्ञ के साथ कथा संपन्न की जाएगी।
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