धोरीमन्ना। जीव का परम लक्ष्य ब्रह्म को प्राप्त करना :
सुदेवानंद
मानव जीवन का उद्देश्य एवं ध्येय परम तत्व को प्राप्त
करना है। प्रकृति और पूरूष, आत्मा और परमात्मा एक-
दूसरे के पूरक है। जीव का मुख्य लक्ष्य ब्रह्म को प्राप्त
करना है।
ये विचार स्वामी दयानंद विश्नोई संताश्रम धोरीमन्ना में
रविवार को आयोजित हरिकथा में कथावाचक
स्वामी सुदेवानंद ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सृष्टि के
आदि पुरुष से परे ब्रह्म है। उन्होंने श्रीमद भागवत
महापुराण ज्ञान यज्ञ का महत्व भी बताया।
अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई सभा के
जिला प्रभारी अरमान कड़वासरा ने समारोह में
कहा कि आश्रम में हजारों की संख्या में 21 जून
को रात्रि जागरण में भक्तों ने भजन, आरती, साखी सुनकर
जीवन को धन्य बनाया। कथा का आयोजन
स्वामी भागीरथदास आचार्य के सान्निध्य में हुआ।
सुबह हवन, यज्ञादि कार्यक्रम के बाद श्रद्धालुओं ने
पाहल व महाप्रसादी ली। संतों के प्रवचन एवं दान
दक्षिणा कार्यक्रम के बाद सभी अपने निवास स्थान के
लिए रवाना हुए। समारोह में स्वामी रामेश्वरदास,
स्वामी बलदेवानंद शास्त्री, स्वामी राजेन्द्रानन्द, रानु
महाराज, स्वामी कल्याणदास, हनुमानदास सहित कई संत
मौजूद थे।
एक टिप्पणी भेजें