धोरीमन्ना न्यूज
श्री जंभेश्वर गुरुद्वारा धोरीमन्ना में सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा के दौरान प्रवचन देते हुए डॉ.गोवर्धनराम शास्त्री ने कहा कि जिस प्रकार आभूषण को धारण करने से शरीर की सुंदरता बढ़ती है। उसी प्रकार धर्म के लक्षणों को जीवन में उतारने से आंतरिक सुंदरता में निखार आता है। क्षमा वीरों का आभूषण है। क्षमा को उदारचित्त एवं वीर लोग ही अपने हृदय में धारण कर सकते हैं। कायर एवं निर्बल क्षमाशील नहीं हो सकता।
डॉ. आचार्य ने कहा कि मनुष्य का शरीर रथ है, इंद्रिय घोड़े है, मन लगाम है। बुद्धि सारथी है और जीवात्मा रथ पर विराजमान यात्री है। आचार्य ने कहा कि पराई महिला को माता के समान, पराए धन को मिट्टी के ढेले के समान एवं सभी प्राणियों के साथ आत्मवत दृष्टि रखने वाला ही सच्चा ज्ञानी है। आचार्य ने ईश्वर एवं मृत्यु का हमेशा स्मरण रखने का संदेश दिया। ईश्वर के स्मरण से सद्कार्य में प्रवृत्ति होती है। शरीर भगवान का मंदिर बताते हुए इसे व्यसन आदि बुराइयों से बचाने का आह्वान किया।
जागरण आज समापन कल : सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा में आज रात्रि जागरण का आयोजन होगा। समापन समारोह में कल यज्ञ, पाल एवं मेले का आयोजन होगा। समारोह में साधु, संत, राजनेता एवं बुद्धिजीवी, समाज सुधारक शिरकत करेंगे।
श्री जंभेश्वर गुरुद्वारा धोरीमन्ना में सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा के दौरान प्रवचन देते हुए डॉ.गोवर्धनराम शास्त्री ने कहा कि जिस प्रकार आभूषण को धारण करने से शरीर की सुंदरता बढ़ती है। उसी प्रकार धर्म के लक्षणों को जीवन में उतारने से आंतरिक सुंदरता में निखार आता है। क्षमा वीरों का आभूषण है। क्षमा को उदारचित्त एवं वीर लोग ही अपने हृदय में धारण कर सकते हैं। कायर एवं निर्बल क्षमाशील नहीं हो सकता।
डॉ. आचार्य ने कहा कि मनुष्य का शरीर रथ है, इंद्रिय घोड़े है, मन लगाम है। बुद्धि सारथी है और जीवात्मा रथ पर विराजमान यात्री है। आचार्य ने कहा कि पराई महिला को माता के समान, पराए धन को मिट्टी के ढेले के समान एवं सभी प्राणियों के साथ आत्मवत दृष्टि रखने वाला ही सच्चा ज्ञानी है। आचार्य ने ईश्वर एवं मृत्यु का हमेशा स्मरण रखने का संदेश दिया। ईश्वर के स्मरण से सद्कार्य में प्रवृत्ति होती है। शरीर भगवान का मंदिर बताते हुए इसे व्यसन आदि बुराइयों से बचाने का आह्वान किया।
जागरण आज समापन कल : सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा में आज रात्रि जागरण का आयोजन होगा। समापन समारोह में कल यज्ञ, पाल एवं मेले का आयोजन होगा। समारोह में साधु, संत, राजनेता एवं बुद्धिजीवी, समाज सुधारक शिरकत करेंगे।
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