गांव बड़ोपल के परमाणु संयंत्र हेतू अधिगृहित भूमि पर अवारा शिकारी कुतों ने डेरा डाला हुआ है और प्रतिदिन एक आध हिरण को शिकार बना रहे हैं। गत चंद दिनों मे दर्जनों घटनाएं हो चुकी है लेकिन वन्यजीव विभाग व प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और दुर्लभ वन्य जीव को दबा कर इतिश्री कर लेते है। आज बड़ोपल इलाके में अनुसूची एक के तीन जीव मौत का शिकार हुए है जिसको लेकर पर्यावरण एवं जीव रक्षा बिश्नोई सभा के सदस्यों में भारी रोष है। दो हिरण तथा एक मोर मौत का शिकार हो गए है। गत दिनों सभा द्वारा वन्यजीव विभाग एवं पुलिस अधीक्षक फतेहाबाद को भी इस बारे शिकायत कर चुके है। जीव रक्षा सभा का आरोप है कि एनपीसीआईएल ने जानबुझ कर यंहा कुतों का छोड़ा हुआ है ताकि ये हिरणों को खत्म कर दें। इससे पहले भी एनपीसीआईएल यंहा पर फैक्टरी व बाड़ लगाकर इन्हें खदेड़ने का प्रयास कर चुके है। पुलिस चौकी इंचार्ज ने भी अपनी रिपोर्ट में यंहा कुतों का जमावड़ा होना बताया था लेकिन प्रशासन मुक दर्शक बनकर इन निरीह जीवों की दिनोंदिन हो रही मौत का तमाशा देख रहें हैं वन्यजीव विभाग सिर्फ का कर्तव्य वन्यजीव की मौत के बाद सिर्फ दफनाने का ही रह गया है और बचाने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे। विभाग के पास ना ही पूरे कर्मचारी है, ना ही घायल जीव को बचाने की कोई चिकित्सा व्यवस्था और ना ही रखने की जगह।
कुतों को नहीं पकड़ जा रहा :
गौरतलब है कि गत वर्ष उपायुक्त महोदय द्वारा पालतू कुतों को पटटा डालकर रखने व अवारा कुतों को पकड़ने के निर्देश दिए गए थे लेकिन पशुपालन विभाग व वन्यजीव विभाग जिम्मेवारी एकदूसरे पर थौंप कर वन्यजीव को मौत का निवाला बना रहे हैं
इसी इलाके में बचे हैं लगभग 200 हिरण :
गत तीन वर्षों में इलाके में 200 से अधिक काले हिरण मारे जा चुके है और शेष भी कुछ ही दिनों के मेहमान है फिर सरकार बड़े बड़े संरक्षण प्रोजेक्ट चलाएगी जिसका अफसरों की जेब भरने के अलावा कोई फायदा नहीं होगा।
इसके लिए पर्यावरण एवं जीव रक्षा बिश्नोई सभा हरियाणा आन्दोलन के साथ साथ जिम्मेवार अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही भी करेगी।
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