:- जन्म : 6 अक्टूबर 1930
स्थान : बहावलपूर (पाक पंजाब)
सियासी शुरुआत : आदमपुर पंचायत में पंच के रूप में।
मुख्यमंत्री पद : तीन बार संभाली कमान (1979-80),(1980-85), (1991-96)।
केंद्रीय राजनीति : राजीव गांधी के नेतृत्व वाली भारत सरकार में मंत्री रहे एक बार राज्यसभा सदस्य भी रहे।
स्थान : बहावलपूर (पाक पंजाब)
सियासी शुरुआत : आदमपुर पंचायत में पंच के रूप में।
मुख्यमंत्री पद : तीन बार संभाली कमान (1979-80),(1980-85), (1991-96)।
केंद्रीय राजनीति : राजीव गांधी के नेतृत्व वाली भारत सरकार में मंत्री रहे एक बार राज्यसभा सदस्य भी रहे।
चौ. भजनलाल जी एक अनुभवी व दूरदर्शी राजनीतिज्ञ होने के साथ लोकप्रिय नेता थे।
व्यक्तित्व :-
स्व. चौ. भजनलाल जी बिश्नोई मृदुलभाषी व सरल स्वभाव व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने एक सफल राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने अपने कार्यकाल में हरयाणा में श्री गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ सांइस एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना करवाई। चौ. भजनलाल जी ने जीवन पर्यन्त देश सेवा के साथ समाज सेवा की। उन्होंने बिश्नोई समाज के उत्थान व मंदिरों के निर्माण में अपना अहम योगदान दिया। चौ. भजनलाल जी को बिश्नोई समाज के विकास में योगदान के लिए बिश्नोई समाज द्वारा "बिश्नोई रत्न" उपाधि से नवाजा गया।
चौ. भजनलाल जी
उल्लेखनीय है कि चौधरी भजनलाल ने बिश्नोई समाज तथा बिश्नोई धर्म की उन्नति के लिए अविस्मरणीय सेवाएं प्रदान की है। उनके दूरदर्शी चिन्तन के कारण ही जाम्भोजी की समाधि स्थल पर भव्य मंदिर का निर्माण होने के साथ ही दिल्ली जैसे महानगर में समाज की करोड़ों रूपयों की सम्पति के रूप में छात्रावास, जम्भेश्वर मंदिर एवं धर्मशाला का निर्माण भी विशेष उपलब्धि रहा है। इसके साथ ही उन्होनें बिश्नोई समाज एवं जाम्भोजी द्वारा प्रतिपादित पर्यावरण संरक्षण के सूत्रों एवं पर्यावरण रक्षा की खेजड़ली बलिदान जैसी घटनाओं को भारत की लोकसभा में प्रस्तुत कर विश्वपटल पर चमकाया। जिस समय वे केन्द्र सरकार में कृषि एवं पर्यावरण मंत्री थे, उस वक्त के लोकसभा भाषण में खेजड़ली बलिदान की घटना पर दिया गया भाषण विशेष सम्मानित भाषण घोषित किया गया था।
समाज के विभिन्न प्राचीन स्थलों के जीर्णोद्धार का कार्य भी चौधरी भजनलाल के मार्गदर्शन में अद्भुत तरीके से किया गया। उनके कार्यकाल में ही खेजड़ली गाँव में शहीद स्मारक बनाया जा सका। उनकी सेवाएं बिश्नोई समाज की भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहेगी। उन्होंने राजनीति में भी अविस्मरणीय सेवाएं दी है। आज वो भले ही हमारे बीच नहीं है लेकिन इन्हीं विशेषताओं के कारण आम जनता के साथ ही प्रत्येक बिश्नोई के दिल में उनका स्थान है और हमेशा रहेगा। चौ. भजनलाल जी जैसे दिवंगत समाज सेवी कहानी कभी खत्म नहीं होती बल्कि इतिहास बना जाती हैं...
का बिश्नोई समाज के उत्थान में योगदान :-
व्यक्तित्व :-
स्व. चौ. भजनलाल जी बिश्नोई मृदुलभाषी व सरल स्वभाव व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने एक सफल राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने अपने कार्यकाल में हरयाणा में श्री गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ सांइस एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना करवाई। चौ. भजनलाल जी ने जीवन पर्यन्त देश सेवा के साथ समाज सेवा की। उन्होंने बिश्नोई समाज के उत्थान व मंदिरों के निर्माण में अपना अहम योगदान दिया। चौ. भजनलाल जी को बिश्नोई समाज के विकास में योगदान के लिए बिश्नोई समाज द्वारा "बिश्नोई रत्न" उपाधि से नवाजा गया।
चौ. भजनलाल जी
उल्लेखनीय है कि चौधरी भजनलाल ने बिश्नोई समाज तथा बिश्नोई धर्म की उन्नति के लिए अविस्मरणीय सेवाएं प्रदान की है। उनके दूरदर्शी चिन्तन के कारण ही जाम्भोजी की समाधि स्थल पर भव्य मंदिर का निर्माण होने के साथ ही दिल्ली जैसे महानगर में समाज की करोड़ों रूपयों की सम्पति के रूप में छात्रावास, जम्भेश्वर मंदिर एवं धर्मशाला का निर्माण भी विशेष उपलब्धि रहा है। इसके साथ ही उन्होनें बिश्नोई समाज एवं जाम्भोजी द्वारा प्रतिपादित पर्यावरण संरक्षण के सूत्रों एवं पर्यावरण रक्षा की खेजड़ली बलिदान जैसी घटनाओं को भारत की लोकसभा में प्रस्तुत कर विश्वपटल पर चमकाया। जिस समय वे केन्द्र सरकार में कृषि एवं पर्यावरण मंत्री थे, उस वक्त के लोकसभा भाषण में खेजड़ली बलिदान की घटना पर दिया गया भाषण विशेष सम्मानित भाषण घोषित किया गया था।
समाज के विभिन्न प्राचीन स्थलों के जीर्णोद्धार का कार्य भी चौधरी भजनलाल के मार्गदर्शन में अद्भुत तरीके से किया गया। उनके कार्यकाल में ही खेजड़ली गाँव में शहीद स्मारक बनाया जा सका। उनकी सेवाएं बिश्नोई समाज की भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहेगी। उन्होंने राजनीति में भी अविस्मरणीय सेवाएं दी है। आज वो भले ही हमारे बीच नहीं है लेकिन इन्हीं विशेषताओं के कारण आम जनता के साथ ही प्रत्येक बिश्नोई के दिल में उनका स्थान है और हमेशा रहेगा। चौ. भजनलाल जी जैसे दिवंगत समाज सेवी कहानी कभी खत्म नहीं होती बल्कि इतिहास बना जाती हैं...
का बिश्नोई समाज के उत्थान में योगदान :-
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