बिश्नोई पंथ का मूल आधार है विष्णु


आचार्य रघुवर दयाल
गुरु जाम्भो जी ने केवल मात्र विष्णु को ही समस्त चराचर जगत का आधार बताया है। गुरु जाम्भो जी ने बताया कि मैं उसी विसनूं का अवतार हूँ और संसार से अधंकार को दूर कर प्रकाश फैलाने आया हूँ। छत्तीस युगों का विचारक हूँ, एक युग की अवधि को जानना सम्भव नहीं। मैं उस समय था अब हूँ बार बार होऊंगा। यह बात भोड़िया बिश्नोईयान में चल रही जम्भ कथा के पांचवे दिन श्री लोहट तपोस्थली द्रोणपुर छापर ताल से पधारे संत आचार्य रघुवर दयाल जी ने कही। उन्होंने यह भी बताया कि विसनूं का नाम लेने से भक्त प्रह्लाद के साथ पांच करोड़, राजा हरिश्चंद्र के साथ सात करोड़, राजा युधिष्ठिर के साथ नौ करोड़ तथा गुरु जाम्भो जी की वाणी से अनन्त करोड़ जीवों का उद्धार हुआ है। कलयुग में शैतान की शैतानियत से बचने का एक मात्र शस्त्र विष्णु नाम जप हैं। विसनूं नाम सोते बैठते, चलते फिरते किसी भी स्थान व समय पर लिया जा सकता है।

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