हरिद्वार:
राजाजी नेशनल पार्क की सबसे संवेदनशील रेंज धौलखंड में शिकार करने गए
शिकारियों के एक गिरोह के दो सदस्यों को पार्क की टीम ने गिरफ्तार किया है।
गिरोह के पांच सदस्य अभी फरार हैं। कैमरा ट्रैप में शिकारियों के गिरोह की
तस्वीर सामने आई थी, जिसके आधार पर पार्क की टीम ने शिकारियों की पहचान की
थी।
धौलखंड रेंज के रेंज कार्यालय से महज डेढ़ किलोमीटर दूर जंगल में 27 अक्टूबर 2013 को एक शिकारी दल घुसा था। पार्क के अंदर दो स्थानों पर लगे कैमरा ट्रैप में शिकारी गिरोह की तस्वीर कैद हुई थी। कैमरा ट्रैप भारतीय वन्यजीव संस्थान की ओर से वन्यजीवों की तस्वीर कैद करने के लिए लगाया था। एक नवंबर को वन्यजीव संस्थान के अधिकारियों ने कैमरा ट्रैप में शिकारी गिरोह की तस्वीर देखी, जिसके बाद पार्क की टीम ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में पार्क की रेंज स्तर के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हुए। वाइल्ड लाइफ वार्डन कोमल सिंह ने तस्वीर के आधार पर दो शिकारियों को रविवार रात को पकड़ा। पकड़े गए आरोपियों में राजकुमार पुत्र परसा निवासी हजारा टोगिंया तथा हरमित पुत्र मलखान सिंह निवासी हजारा टोगिया हैं, जबकि पांच आरोपी मौके से फरार हो गए। पकड़े गए दोनों आरोपियों के खिलाफ वाइल्ड लाइफ संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया। फरार चल रहे आरोपियों में जल सिंह पुत्र सुकदा सिंह, विश्वास पुत्र राजाराम, ऋषि पुत्र फूलू, करन पुत्र कंडली सभी निवासी हरीपुर टोंगिया हैं पांचवां आरोपी विजेंद्र पुत्र अतर सिंह हजारा टोंगिया का निवासी है। वाइल्ड लाइफ वार्डन ने बताया कि दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। फरार चल रहे आरोपियों की तलाश की जा रही है। कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गश्त में किसी तरह की लापरवाही न करें। लापरवाही पाए जाने पर कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
धौलखंड रेंज के रेंज कार्यालय से महज डेढ़ किलोमीटर दूर जंगल में 27 अक्टूबर 2013 को एक शिकारी दल घुसा था। पार्क के अंदर दो स्थानों पर लगे कैमरा ट्रैप में शिकारी गिरोह की तस्वीर कैद हुई थी। कैमरा ट्रैप भारतीय वन्यजीव संस्थान की ओर से वन्यजीवों की तस्वीर कैद करने के लिए लगाया था। एक नवंबर को वन्यजीव संस्थान के अधिकारियों ने कैमरा ट्रैप में शिकारी गिरोह की तस्वीर देखी, जिसके बाद पार्क की टीम ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में पार्क की रेंज स्तर के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हुए। वाइल्ड लाइफ वार्डन कोमल सिंह ने तस्वीर के आधार पर दो शिकारियों को रविवार रात को पकड़ा। पकड़े गए आरोपियों में राजकुमार पुत्र परसा निवासी हजारा टोगिंया तथा हरमित पुत्र मलखान सिंह निवासी हजारा टोगिया हैं, जबकि पांच आरोपी मौके से फरार हो गए। पकड़े गए दोनों आरोपियों के खिलाफ वाइल्ड लाइफ संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया। फरार चल रहे आरोपियों में जल सिंह पुत्र सुकदा सिंह, विश्वास पुत्र राजाराम, ऋषि पुत्र फूलू, करन पुत्र कंडली सभी निवासी हरीपुर टोंगिया हैं पांचवां आरोपी विजेंद्र पुत्र अतर सिंह हजारा टोंगिया का निवासी है। वाइल्ड लाइफ वार्डन ने बताया कि दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। फरार चल रहे आरोपियों की तलाश की जा रही है। कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गश्त में किसी तरह की लापरवाही न करें। लापरवाही पाए जाने पर कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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