जोधपुर:
जोधपुर की एक अदालत ने सलमान खान के खिलाफ शस्त्र अधिनियम और वन्यजीव
कानून के तहत दर्ज दो मामलों को एक साथ जोड़ने की अभिनेता की याचिका को
खारिज कर दिया और उन्हें पहले मामले के सिलसिले में बयान दर्ज कराते रहने
का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंद्रकला जैन ने दोनों मामलों को जोड़ने की खान की याचिका को खारिज कर दिया और मामले को 10 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जिस दिन बचाव पक्ष सबूत पेश करेगा। सलमान ने अदालत से अनुरोध किया था कि शस्त्र अधिनियम के तहत एक मामले को और 1-2 अक्तूबर, 1998 की दरमियानी रात को काले हिरण के शिकार से जुड़े दूसरे मामले को मिला दिया जाए। उन्होंने इस आधार पर मांग की थी कि दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं। उन्होंने अदालत में अपने बयान में कहा कि जोधपुर में उनके पास कोई हथियार नहीं था और हथियार मुंबई में थे।
उन्होंने कहा, ‘जब वन विभाग ने मुझसे कहा, उसके बाद ही मैंने उन हथियारों को मुंबई से जोधपुर मंगाया था।’ सलमान ने अदालत में यह भी कहा कि वह शिकार में शामिल नहीं थे और जांच अधिकारी तथा वन अधिकारी ने उनके खिलाफ मामला गढ़ा है। अदालत ने अभिनेता के बयान दर्ज करने के बाद मामले की सुनवाई को 10 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले सलमान ने अदालत में आवेदन दाखिल कर दोनों मामलो को जोड़ने की और शस्त्र अधिनियम के मामले में आरोपियों के बयान दर्ज करने पर रोक लगाते हुए दोनों की सुनवाई एक साथ करने की मांग की थी। सलमान ने अपने आवेदन में दलील दी थी कि शस्त्र कानून के तहत मामला बयान दर्ज करने के स्तर पर पहुंच गया जबकि शिकार के मामले में यह अभी शुरू नहीं हुई है जिसमें उन्होंने तथाकथित हथियारों का कथित तौर पर इस्तेमाल किया था।
सरकारी अभियोजक उपेंद्र शर्मा ने कहा, ‘इसलिए उन्होंने अदालत से गुहार लगाई की भविष्य की सुनवाई के लिए दोनों मामलो को मिला दिया जाए और शिकार वाले दूसरे मामले को बयान दर्ज करने के स्तर तक पहुंचने तक पहले मामले में बयान दर्ज करने पर रोक लगाई जाए।’
खान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने कहा, ‘हमारी याचिका यह थी कि अगर शस्त्र मामले में फैसला पहले आता है तो यह वन्यजीव कानून के तहत दूसरे मामले की कार्यवाही को प्रभावित कर सकता है क्योंकि दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं।’’ सारस्वत ने कहा, ‘इसलिए हम चाहते थे कि इस मामले में बयान दर्ज करने को टाला जाए लेकिन अदालत ने हमारी अर्जी कबूल नहीं की।’ सलमान बुधवार सुबह जोधपुर पहुंचे थे। वह कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच सुबह करीब 11 बजे अदालत पहुंचे और उन्हें शाम 4 बजे तक अदालत में रहना पड़ा जिस दौरान आवेदन पर दलीलें सुनी गयीं और अभिनेता के बयान दर्ज किये गये।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंद्रकला जैन ने दोनों मामलों को जोड़ने की खान की याचिका को खारिज कर दिया और मामले को 10 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जिस दिन बचाव पक्ष सबूत पेश करेगा। सलमान ने अदालत से अनुरोध किया था कि शस्त्र अधिनियम के तहत एक मामले को और 1-2 अक्तूबर, 1998 की दरमियानी रात को काले हिरण के शिकार से जुड़े दूसरे मामले को मिला दिया जाए। उन्होंने इस आधार पर मांग की थी कि दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं। उन्होंने अदालत में अपने बयान में कहा कि जोधपुर में उनके पास कोई हथियार नहीं था और हथियार मुंबई में थे।
उन्होंने कहा, ‘जब वन विभाग ने मुझसे कहा, उसके बाद ही मैंने उन हथियारों को मुंबई से जोधपुर मंगाया था।’ सलमान ने अदालत में यह भी कहा कि वह शिकार में शामिल नहीं थे और जांच अधिकारी तथा वन अधिकारी ने उनके खिलाफ मामला गढ़ा है। अदालत ने अभिनेता के बयान दर्ज करने के बाद मामले की सुनवाई को 10 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले सलमान ने अदालत में आवेदन दाखिल कर दोनों मामलो को जोड़ने की और शस्त्र अधिनियम के मामले में आरोपियों के बयान दर्ज करने पर रोक लगाते हुए दोनों की सुनवाई एक साथ करने की मांग की थी। सलमान ने अपने आवेदन में दलील दी थी कि शस्त्र कानून के तहत मामला बयान दर्ज करने के स्तर पर पहुंच गया जबकि शिकार के मामले में यह अभी शुरू नहीं हुई है जिसमें उन्होंने तथाकथित हथियारों का कथित तौर पर इस्तेमाल किया था।
सरकारी अभियोजक उपेंद्र शर्मा ने कहा, ‘इसलिए उन्होंने अदालत से गुहार लगाई की भविष्य की सुनवाई के लिए दोनों मामलो को मिला दिया जाए और शिकार वाले दूसरे मामले को बयान दर्ज करने के स्तर तक पहुंचने तक पहले मामले में बयान दर्ज करने पर रोक लगाई जाए।’
खान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने कहा, ‘हमारी याचिका यह थी कि अगर शस्त्र मामले में फैसला पहले आता है तो यह वन्यजीव कानून के तहत दूसरे मामले की कार्यवाही को प्रभावित कर सकता है क्योंकि दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं।’’ सारस्वत ने कहा, ‘इसलिए हम चाहते थे कि इस मामले में बयान दर्ज करने को टाला जाए लेकिन अदालत ने हमारी अर्जी कबूल नहीं की।’ सलमान बुधवार सुबह जोधपुर पहुंचे थे। वह कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच सुबह करीब 11 बजे अदालत पहुंचे और उन्हें शाम 4 बजे तक अदालत में रहना पड़ा जिस दौरान आवेदन पर दलीलें सुनी गयीं और अभिनेता के बयान दर्ज किये गये।
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