दिल का दौरा पड़ने से मरे कई काले हिरण

उत्तर प्रदेश में कानपुर के चिड़ियाघर की टूटी दीवार और उसे ठीक से बंद न किया जाना वहाँ 18 जनवरी 2013 शनिवार की रात आवारा कुत्तों द्वारा 31 हिरणों की मौत का कारण बना.

प्रमुख वन्य जंतु संरक्षक रूपक डे ने अपनी जांच में इसके लिए चिड़ियाघर के निदेशक समेत सात कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है.

इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने इन सभी को निलंबित कर दिया है.

रूपक डे ने बीबीसी से बातचीत में बताया कि चिड़ियाघर की बाहरी दीवार गिर गई है जिसकी मरम्मत का काम चल रहा था. ऐसा लगता है कि पूरा रास्ता ठीक से बंद नहीं था.

हमला

आवारा कुत्ते इसी रास्ते से घुसे, हिरणों का एक बाड़ा वहाँ से करीब था. इसलिए वहाँ पहुँच कर कुत्तों ने हमला कर दिया.

हिरण स्वाभाव से बहुत नर्वस होते हैं. वे डर के मारे इधर-उधर भागे. मगर बाड़ा बंद था. कुछ हिरणों को कुत्तों ने नोच डाला, जबकि कुछ भाग दौड़ में घायल हो गए और कुछ को डर के मारे दिल का दौरा पड़ गया.

हिरणों की चीख-पुकार सुनकर चौकीदार ने चिड़ियाघर के डॉक्टर को बुलाया. डॉक्टर के आदेश पर चिड़ियाघर के गार्ड ने दो हमलावर कुत्तों को गोली से मार दिया.

रूपक डे का कहना है कि कुछ हिरण दूसरे बाड़े में रखे गए थे, जिन्हें मिलाकर अब कानपुर चिड़ियाघर में 20 हिरण बचे हैं.

डे कहना है कि हिरणों की प्रजनन क्षमता बहुत अधिक होती है इसलिए जल्दी ही वहाँ संख्या बढ़ जाएगी.

फिर भी चूँकि यह विलुप्तप्राय श्रेणी का वन्य जीव है इसलिए यह बहुत गंभीर घटना है. इसलिए निदेशक समेत सात अधिकारी कर्मचारी निलंबित किए गए हैं. इन्हें टूटी दीवार ठीक से बंद करने का प्रबंध करना चाहिए था

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